TIO, मुंबई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर करारा हमला बोला है। उन्होंने शिवसेना में दोफाड़ होने की वजह पर भी खुलकर बात की। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि जब राज्य में महा विकास अघाड़ी की सरकार थी, उनसे भी मैं था। वह सरकार बाला साहेब ठाकरे के विचारों के खिलाफ थी। मैंने उद्धव ठाकरे को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। बाला साहेब ठाकरे कहते थे कि कांग्रेस को दूर रखो। हमारी पार्टी का नुकसान हो रहा था, हमारी पार्टी खत्म होने की कगार पर चलने लगी थी, इसीलिए हमने सरकार पलट दी और शिवसेना भाजपा गठबंधन की सरकार बनाई।

एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘पिछले दो साल में हमने जनता के लिए काम किया। मुझे इस बात की खुशी है कि हमने दो साल में जो काम किया है, उसकी सराहना खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। केंद्र और राज्य सरकार एक ही विचारधारा वाली सरकार है। इससे हमें बहुत फायदा हुआ है। मैं खुद को उट मतलब ‘कॉमन मैन’ समझता हूं।’

विपक्ष के आरोपों पर भी बरसे शिंदे
विपक्ष के आरोपों पर शिंदे ने कहा कि विपक्ष को लग रहा था कि ये कठपुतलियां हैं। उन्हें ये नहीं पता था कि हम इतनी बड़ी योजनाएं चलाएंगे। इंडस्ट्री हम पर भरोसा करेगी। हमारी सरकार लोगों के लिए काम कर रही है। पिछली सरकार खुद के लिए काम करती थी। खुद की प्रॉपर्टी बनाने के लिए काम करती थी।

ईवीएम पर सवाल उठाए जाने पर किया पलटवार
ईवीएम पर लगाए जा रहे आरोपों पर शिंदे ने कहा, ‘जब फैसला उनके पक्ष में आया तो कहते हैं कि एश्ट ठीक है। जब वे हारते हैं तब कहते हैं कि एश्ट खराब है। चुनाव आयोग खराब है। न्यायालय पर भी आरोप लगाते हैं। जब उनको हार दिखती है तब बहाना चाहिए इसलिए बहाना पहले से बनाते हैं।’

खरगे के बयान पर कांग्रेस को दी नसीहत
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के ‘उतनी ही गारंटी देनी चाहिए जितनी हमारा बजट अनुमति देता है’ वाले बयान पर मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि खरगे सही हैं, क्योंकि उनके पास देने का इरादा नहीं है। वे देना नहीं जानते, वे लेना जानते हैं। अगर पीएम मोदी एक रुपया भेजते हैं तो पूरा रुपया डीबीटी (डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर) में चला जाता है। उन्होंने देना नहीं सीखा है।

उन्होंने कहा कि हमने फइक और केंद्र सरकार के दिशा-निदेर्शों का पालन किया। हम जीडीपी का 25% ऋण ले सकते हैं। हमारा ऋण 17.5% है और हम एफआरबीएम (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम) के 3% के भीतर हैं। हम हर दिशा-निर्देश का पालन करते हैं, हमने कुछ भी उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए हमने इसके लिए पूरे साल का बजट रखा है, इसलिए यह योजना बंद नहीं होगी। लाडली बहन योजना को कोई नहीं रोकेगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER