TIO, लखनऊ ।

खाद्य वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार कठोर कानून लाने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्तावित कानून के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया। सीएम ने ऐसे मामलों को संज्ञेय अपराध के दायरे में लाने के साथ सजा और जुमार्ने का अध्ययन कर अध्यादेश तैयार करने का निर्देश दिया। प्रस्तावित कानून में 10 साल तक की सजा का प्रावधान हो सकता है।

सीएम ने विधि आयोग, गृह, न्याय व खाद्य एवं रसद समेत संबंधित विभागों के अधिकारियों से कहा कि बीते दिनों जूस, दाल और रोटी में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं सामने आई हैं। इस पर स्थायी रोक के लिए कड़ा कानून जरूरी है ताकि लोगों का भरोसा कायम रहे। ऐसी घटनाएं वीभत्स होने के साथ आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालती हैं। इससे सामाजिक सौहार्द भी प्रभावित होता है। ऐसे कुत्सित प्रयास स्वीकार्य नहीं किए जा सकते। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून तैयार करें जिससे उल्लंघन करने वालों को कारावास और अर्थदंड की सजा हो सके। ऐसे अपराध संज्ञेय और गैरजमानती बनाए जाएं।

पहचान छिपाने वाले भी दायरे में
सीएम ने कहा कि असामाजिक तत्व पहचान छिपाकर यह हरकत करते हैं। ऐसी गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगनी चाहिए। हर उपभोक्ता को अधिकार है कि वह सेवाप्रदाता के बारे में आवश्यक जानकारी पा सके। इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो। प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कर्मियों का पहचान पत्र धारण करना भी अनिवार्य हो। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के लिए भी सजा के कड़े प्रावधान होने चाहिए।

रसोईघर में लगे सीसीटीवी
योगी ने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान सुनिश्चित करें कि कोई भी भोजन दूषित न हो। रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य रूप से लगा हो। इसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन के मांगने पर उपलब्ध कराई जा सके। भोजन पकाते और परोसते समय सिर ढकना, मास्क और दस्ताने पहनना जरूरी है। कारोबारी को अपने कर्मचारियों का विवरण पुलिस को देना होगा। यदि किसी कर्मी के घुसपैठिया अथवा अवैध नागरिक होने की पुष्टि होती है तो कड़ी कार्रवाई हो। कानून में इन सबका स्पष्ट प्रावधान करें।

ये अध्यादेश आएंगे
– उप्र छद्म एवं सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिषेध अध्यादेश 2024
– यूपी प्रिवेंशन आॅफ कंटेमिनेशन इन फूड (कंज्यूमर राइट टू नो) अध्यादेश 2024

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER