शशी कुमार केसवानी

हमें याद है 1987 में जब पंजाब उग्रवाद का सामना कर रहा था,अभिनेता और कांग्रेस नेता रहे स्व. सुनील दत्त ने अपनी बेटी प्रिया के साथ सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारा स्थापित करने के लिए बॉम्बे से अमृतसर ( स्वर्ण मंदिर ) तक 2,000 किलोमीटर की 76 दिन लंबी महाशांति पदयात्रा (पैदल यात्रा) की थी। तब मैंने पहली बार सुनील दत्त के इर्दगिर्द बाबा सिद्दीकी को देखा था। तब मैं मुंबई के एक अखबार के लिए काम करता था। तब अचानक हमें कवरेज के लिए भेज दिया गया। हमें महसूस हुआ कि मामूली कार्यकर्ता की तरह या कहें तो छर्रे की तरह सुनील दत्त के आगे पीछे घूमने वाला बाबा सिद्दीकी एक दिन इतना बड़ा आदमी बन जाएगा तब मैंने यह कल्पना नहीं की थी। बिहार से अपने पिता के साथ घड़ी का व्यापार करने वाले पढ़ाई के साथ साथ नेतागिरी में भी बाबा पैठ जमाता गया। एनएसयूआई बाद में यूथ कांग्रेस फिर नगर सेवक,दोबारा नगर सेवक और इसके बाद 1999 से लगातार दो विधायक और मंत्री भी रहा।

यही नहीं बाबा दो म्हाड़ का चेयरमैन भी रहा। बाबा जमीन से जुड़कर जमीन का कारोबार करने लगा और करोड़ों की कमाई भी करने लगा। यहां तक की जमीन को लेकर दाउद इब्राहिम से भी जुड़ गया। छोटे से जमीन के टुकड़े के लिए दाउद को नाकों चने चबा दिए। बस फिर क्या था। बहुत सारे बिल्डरों-उद्योगपतियों और नेताओं का बड़ा दलाल बन गया। सुनील दत्त की नकल करते करते सुनील दत्त के बाद इफ्तार पार्टी भी करने लगा। शुरू में तो छोटे-मोटे फिल्म स्टार आते थे पर संजय दत्त हर समय मौजूद रहते थे। क्योंकि बाबा ने बुरे दिनों में संजय दत्त की हमेशा मदद की थी। धीरे धीरे पार्टियों का मीडिया में भी आना शुरू हो गया। विधायक होने की वजह से रुतबा बढ़ता ही जा रहा था। पर अपने यारी वाले स्वभाव से कई लोगों के दिलों में जगह बना लेता था। धीरे-धीरे होटल बिजनेस एक्सपोर्ट व अन्य कई व्यापारों में हाथ फैलाता चला गया।

पर खूबी यह थी की हवा का रुख अच्छी तरह से पहचानता था। महाराष्ट्र से कांग्रेस की सत्ता चली गई तो दाल कैसे गलती। पट्ठे ने तुरंत गुलाटी मारी और एनसीपी में चला गया और उसके भी जब दो फाड़ हुए तो बाबा ने बताया कि जहां पर दम, वहां पर हम। जहां पर सत्ता वहां पर बाबा। हमें एक किस्सा याद है, एक बार कैटरीना कैफ को लेकर सलमान और शाहरुख की आपसे में दुश्मनी इस तरह से बढ़ ्रगई थी, दोनों एक-दूसरे को निपटाने में लगे थे। फिर बीच में बाबा को डाला गया। बाबा ने दोनों को बुलाकर समझाया कि तुम दोनों अगर लड़ोगे तो फिल्मों से बाहर जाओगे, साथ ही साथ न पतलून बेच पाओगे और न ही पायजामा। सलमान को कहा कि सारे दबे केस बाहर आ जाएंगे। वहीं शाहरुख को भी एहसास करा दिया की मन्नत में अवैध निर्माण की नपती हो जाएगी। मैंने अक्सर देखा था कि बाबा अक्सर मीठा बोलते थे, पर कई बार अपने बिहारी रंग में आ ही जाते थे। दोनों को कड़क भाषा में समझाकर गले मिलवा और ताकीद भी कर दिया दोबारा गलती की तो सजा बड़ी होगी।

बाबा सभी धर्मों के साथ त्योहार मनाने के बड़े शौकीन थे। चाहे गणेश पूजन हो या फिर दशहरा या दीपावली। या फिर होली हो। दिल से चंदा बांटते थे और उत्सव में शरीक भी होते थे। पर इफ्तार पार्टी के लिए हालात यह हो गए थे कि इतने कलाकार तो फिल्मी अवार्ड में भी नहीं पहुंचते थे, जितने इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचते थे। कई छोटे मोटे कलाकार तो पार्टी में पहुंचने के लिए महीना भर पहले से ही कोशिश करना शुरू कर देते थे। अब सब के नाम लेना संभव तो नहीं है पर सलीम खान और सलमान का परिवार, शाहरुख खान, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा, सैफ अली खान, करीना कपूर खान, संजय दत्त, वरुण धवन, रणवीर कपूर, आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्र, शत्रुघ्न सिन्हा, सोनाक्षी सिन्हा, जावेद अख्तर, शबाना आजमी, जावेद हबीब, करण जौहर,आदि आदि बाबा की इत्यादि इफ्तार पार्टी की रौनक बढ़ाते।

बाबा का जलवा मुंबई में चारो तरफ बिखरा हुआ था। पिछले दिनों ईडी ने बाबा के ऊपर चार सौ करोड़ का लेन देन का मामला दर्ज कर लिया और प्रापर्टी भी अटैच कर ली। फिर दिल्ली से लेकर मुंबई तक सब चीजें मैनेज की गर्इं आखिरकार सीएम ने केन्द्र की मदद से बाबा का गले से फंदा निकाला। जिसकी बाबा ने भरपूर कीमत चुकाई और सरकार अदालत का आभार माना। यही कलाकारी बाबा में थी, हालांकि यह कलाकारी वे अपने पुत्र में उस तरह से नहीं दे गए जिस तरह वे सभी चीजें मैनेज कर लेते थे। हालांकि पुत्र भी विधायक रहा है। पर तलवे चाटने में वह मास्टरी नहीं है जो बाबा में थी। वरना कौन बिहार से आकर मुंबई आकर बेताज बादशाह बनता है और अपने ही दम पर अपने घर के बार लाइन लगवाकर सबको सलाम करवाता है। बाबा की कलाकारी के कई और भी किस्से हैं पर उस बारे में बाद में बात करेंगे। वेंड्रा जैसे इलाके में इस तरह की घटना होना मुंबई और देश के लिए चिंता का विषय है। सरकार को सख्त कदम तो उठाने ही पड़ेंगे कि सत्ता पक्ष का पूर्व विधायक इस तरह से मारा गया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER