TIO, चंडीगढ़।

खरीफ सीजन के साथ ही पंजाब में पराली जलाने के मामले आने शुरू हो गए हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) ने इन पर नजर रखने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। विशेषकर 9 शहरों पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है, क्योंकि इन शहरों को केंद्र की तरफ से गैर प्राप्ति शहरों की सूची में शामिल किया गया था। यही कारण है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी प्रदेश में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। ये 9 शहर डेराबस्सी, गोबिंदगढ़, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, नया नंगल, पठानकोट, पटियाला और अमृतसर हैं।

इसके अलावा एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने भी 16 उड़नदस्ता टीमें गठित की हैं, जो पराली जलाने के मामले पर चेक रखेंगी। ये टीमें 16 जिलों अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, पटियाला, संगरूर और तरनतारन में काम करेंगी। चंडीगढ़ व मोहाली में धान का पराली प्रबंधन सेल भी स्थापित किया जा रहा है। इसके जरिये कमीशन खरीफ सीजन के दौरान ही कृषि व अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाने का काम करेगा। उड़नदस्ते की तरफ से रोजाना जमीनी स्तर पर स्थिति को चेक किया जाएगा और पराली जलाने के मामले से संबंधित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व कमीशन को जानकारी दी जाएगी।

हरियाणा के 10 जिलों के लिए भी टीमें गठित की गई हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। ये टीमें प्रदेश के नोडल अधिकारियों के साथ कोआॅर्डिनेशन करेंगी कि पराली जलाने के मामले को रोकने के लिए वे कैसे काम कर रहे हैं। पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट जिलों की पहचान के लिए कमीशन की तरफ से काम किया जा रहा है। केंद्र ने 9 शहरों को गैर प्राप्ति शहरों की सूची में शामिल किया था। गैरप्राप्ति उन शहरों को घोषित किया जाता है, जो 5 साल की अवधि में लगातार वायु गुणवत्ता स्तर पीएम 10 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक को पूरा नहीं करते हैं। पीएम 10 वायु प्रदूषण का एक स्तर है, जो सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। जब प्रदूषण कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती है।

131 शहरों में प्रदूषण के स्तर में सुधार के लिए शुरू किया था काम
131 शहरों में केंद्र सरकार ने प्रदूषण स्तर में सुधार के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरूआत भी की हुई है, जिसमें प्रदेश के उक्त 9 शहर भी शामिल हैं। इसके नतीजे मिलने भी शुरू हो गए हैं, लेकिन हाल ही में जारी एक सूची के अनुसार लुधियाना अधिक प्रदूषण वाले टॉप 10 शहरों में बना हुआ था। यही कारण है कि अभी प्रदेश में और काम करने की जरूरत है। नगर निकायों की तरफ से मैकेनाइज्ड स्वीपिंग व ग्रीनरी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

आठ नए मामलों के साथ 179 पहुंची संख्या
पंजाब में वीरवार को फिर पराली जली। आठ नए मामलों के साथ कुल गिनती 179 हो गई। इनमें से सबसे अधिक तीन मामले जिला अमृतसर से, दो गुरदासपुर, एक जालंधर और दो तरनतारन से रहे। बीते दो साल आज के ही दिन साल 2023 में पराली जलाने के रिकॉर्ड 105 मामले हुए थे। साल 2022 में 79 मामले हुए थे। पंजाब में 15 सितंबर से लेकर अब तक पराली जलाने के कुल 179 मामले हो गए हैं। जबकि साल 2023 में इस समय अवधि में 561 और साल 2022 में 350 मामले हुए थे। इस बार पराली जलाने में 86 मामलों के साथ जिला अमृतसर पहले नंबर पर है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER