TIO, वॉशिंगटन।

अमेरिका के विदेश विभाग के हिंदुस्तानी लैंग्वेज की प्रवक्ता मार्ग्रेट मैक्लियोड का कहना है कि क्वाड ने अपने गठन के बाद से ही हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि क्वाड बैठक का गठन डेलावेयर में किया जा रहा है, जो कि राष्ट्रपति बाइडन का गृह राज्य है। डेलावेयर में राष्ट्रपति बाइडन क्वाड नेताओं के साथ अपने निजी रिश्तों की अहमियत बताना चाहते हैं।

भारत के साथ बैठक के एजेंडे की नहीं दी जानकारी
अमेरिकी सरकार की अधिकारी मार्ग्रेट मैक्लियोड ने कहा कि क्वाड के साझा बयान में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की बात शामिल होगी, जिसमें साइबर सिक्योरिटी, स्वास्थ्य सुरक्षा और मेरीटाइम सुरक्षा शामिल हैं। साथ ही जल और वायु चुनौती का मुद्दा भी साझा बयान का हिस्सा हो सकता है। व्हाइट हाउस ने अभी तक प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच होने वाली मुलाकात का एजेंडा नहीं बताया है और मार्ग्रेट मैक्लियोड ने भी इस पर जानकारी देने से इनकार कर दिया।

जो बाइडन करेंगे क्वाड की मेजबानी
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन आगामी 21 सितंबर को डेलावेयर में होने जा रहे क्वाड सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और आॅस्ट्रेलिया के नेता शिरकत करेंगे। अगला क्वाड सम्मेलन भारत में होना है। हाल के वर्षों में क्वाड के विदेश मंत्रियों की आठ बार मुलाकात हुई है। साथ ही सदस्य देशों की सरकारों में अन्य कई स्तरों पर भी सहयोग बढ़ रहा है। भारत के साथ संबंधों को लेकर मार्ग्रेट मैक्लियोड ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ा है। खासकर शिक्षा, अंतरिक्ष सहयोग और आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों में सहयोग काफी ज्यादा हुआ है। अमेरिका के लिए भारत एक अहम सहयोगी है और अमेरिका का राष्ट्रपति कोई भी बने, भारत की अहमियत बनी रहेगी।

दक्षिण चीन सागर में बढ़ रही चीन की आक्रामकता
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि क्वाड कोई सुरक्षा गठजोड़ नहीं है, लेकिन सच्चाई ये है कि चीन की दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता बढ़ रही है। क्वाड से अलग अमेरिका फिलीपींस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। क्वाड हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में मेरीटाइम सिक्योरिटी और जागरुकता बढ़ाने का काम कर रहा है। साल 2022 से क्वाड देश हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों के साथ जानकारी साझा कर रहे हैं ताकि हर देश अपनी मेरीटाइम सीमा की सुरक्षा कर सके।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER