TIO, वॉशिंगटन।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अपने अमेरिका दौरे पर लगातार अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वर्जीनिया में आयोजित एक कार्यक्रम में एक बार फिर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का जिक्र किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस कुछ राज्यों को दूसरे राज्यों, भाषाओं, धर्मों, और समुदायों को दूसरे की तुलना में कमतर बताती है। बकौल राहुल गांधी, ‘हर राज्य का अपना इतिहास और परंपरा है, लेकिन आरएसएस की विचारधारा तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी आदि को कमतर भाषाएं मानती है… इसी बात को लेकर लड़ाई है…ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते।’
भाजपा पर संविधान के हवाले से तीखा हमला
राहुल गांधी ने बीजेपी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, भाजपा को समझ में नहीं आता कि ये देश सबका है…भारत एक संघ है। संविधान में साफ लिखा है… इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ है। देश का इतिहास, परंपरा, संगीत और नृत्य है। हालांकि, बीजेपी कहती है कि भारत संघ नहीं है, ये अलग है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के खाते सील कर दिए गए
भारत में कुछ महीने पहले कराए गए लोकसभा चुनाव 2024 का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, चुनाव से तीन महीने पहले हमारे सारे बैंक खाते सील कर दिए गए थे…हम इस पर चर्चा कर रहे थे कि अब क्या करना है…मैंने कहा ‘देखी जाएगी’, देखते हैं हम क्या कर सकते हैं…और हम चुनाव में उतर गए।
मोदी के विचार, 56 इंच का सीना… भगवान से सीधा संबंध, सब अब खत्म
उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के बाद सब कुछ बदल गया है। कुछ लोगों ने कहा ‘डर नहीं लगेगा अब, डर निकल गया अब।’ बकौल राहुल गांधी, ‘मेरे लिए यह दिलचस्प है कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना डर फैलाया और छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव बनाया लेकिन, सब कुछ सेकंड में गायब हो गया। उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए।’ उन्होंने कहा कि संसद में वे प्रधानमंत्री को सामने देखते हैं। अब इतना साफ है कि मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास बन गया है।
राहुल ने भारत में धर्मों को लेकर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी? क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा…लड़ाई इसी बात को लेकर है। कांग्रेस सांसद ने कहा, ऐसा यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है। सभी धर्मों के साथ ऐसा हो रहा है।
सैम पित्रोदा ने बताया- भारत कब लौटेंगे राहुल गांधी
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने बताया कि राहुल गांधी तीन दिनों के लिए अमेरिका में हैं। पहले दिन डलास में थे। आज हम वॉशिंगटन और वर्जीनिया में हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कुछ बैठकें कीं। जिन्हें हम व्यक्तिगत रूप से जानते हैं उनके साथ भी मुलाकात का कार्यक्रम हुआ। इसके बाद राहुल ने जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों से बातचीत की। बुधवार को कैपिटल हिल में बैठकें प्रस्तावित हैं। अमेरिकी समयानुसार बुधवार रात ही राहुल वापस भारत रवाना हो जाएंगे।
ईवीएम से निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं
भारत में चुनावों से जुड़े एक सवाल पर सैम पित्रोदा ने कहा, मतदाताओं ने लोकतंत्र के लिए वोट डाले। भारत के लोगों ने सुनिश्चित किया कि भाजपा को 400 से अधिक सीटें न मिलें। हालांकि, चुनाव निष्पक्ष नहीं थे…दुर्भाग्य से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (एश्ट) की प्रक्रिया, संपूर्ण लॉजिस्टिक्स और क्या गलत हो सकता है? इसके साथ कैसे हेरफेर की जा सकती है। इस संबंध में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। कोई कुछ भी कहे, लेकिन ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। ऐसे माहौल में जहां कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए, संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया…निष्पक्ष चुनाव करवाना मुश्किल है।
छात्रों से मुलाकात और संवाद का कार्यक्रम
इससे पहले सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात (भारतीय समयानुसार) राहुल गांधी वॉशिंगटन पहुंचे। वॉशिंगटन के ड्यूल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट से राहुल जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी गए। विश्वविद्यालय में राहुल गांधी का छात्रों से मुलाकात और संवाद का कार्यक्रम है। इसके बाद राहुल वर्जीनिया भी जाएंगे। वर्जीनिया में राहुल प्रवासी भारतीय लोगों से मुलाकात करेंगे। बता दें कि यात्रा के पहले दिन राहुल ने टेक्सास के डलास में एक विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच बातचीत की थी।
भाजपा-आरएसएस, बेरोजगारी और हिंदुत्व जैसे सवालों पर राहुल के बेबाक बोल
टेक्सास के कार्यक्रम में राहुल ने भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (फरर) को आड़े हाथों लिया था। राहुल के बयानों के बाद भाजपा की तरफ से भी तीखा पलटवार देखा गया। राहुल को केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने चीन का ब्रांड एंबेसडर बनने की नसीहत दे डाली। बता दें कि राहुल ने अपने संबोधन के दौरान कहा था कि चीन वर्तमान समय में वैश्विक उत्पादन का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत और पश्चिम देशों को मौजूदा परिस्थितयों से सीखने की जरूरत है।