नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित बिच्छू टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता शशि थरूर के खिलाफ दायर एक मानहानि के मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। याचिका को भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा निचली अदालत में दायर किया गया था जिसके खिलाफ थरूर हाईकोर्ट पहुंच गए थे। शशि थरूर ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर राजीव बब्बर द्वारा 2018 में दायर आपराधिक मानहानि शिकायत पर उन्हें तलब करने के ट्रायल कोर्ट के 2019 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इससे पहले कोर्ट में पेश नहीं होने की वजह से इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शशि थरूर पर 5000 रुपये का जुमार्ना लगाया था।

क्या था शशि थरूर ने
28 अक्टूबर, 2018 को बैंगलोर लिटरेचर फेस्टिवल में शशि थरूर ने कहा था, ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं। आप उन्हें अपने हाथ से हटा नहीं सकते हैं और आप इसे चप्पल से भी मार नहीं सकते हैं। अगर हाथ से हटाया तो बुरी तरह से काट लेगा।’ उनके इस बयान को लेकर तब काफी बवाल मचा था।

मामला पहुंचा कोर्ट
बाद में इस बयान के खिलाफ बीजेपी नेता राजीव बब्बर कोर्ट पहुंच गए थे। उन्होंने अपनी याचिका में कहा शशि थरूर ने यह बयान बदनीयती से दिया था। जिसकी वजह से न केवल हिंदू देवता को नीचा दिखाया गया बल्कि यह अपमानजनक भी था।

राजीव बब्बर ने कहा, ‘शशि थरूर के इस बयान से बीजेपी कार्यकर्ताओं, आरएसएस के कार्यकर्ताओं और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों को गहरा धक्का लगा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2014 का लोकसभा चुनाव और उसके कई बाद कई विधानसभा चुनाव बीजेपी ने जीते हैं। शशि थरूर के बिच्छु वाले बयान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है।’

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER