TIO, नई दिल्ली ।
अक्टूबर में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक दिलाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सभी अनुषांगिक संगठन पूरी ताकत के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ खड़े होंगे। चुनाव में टिकट वितरण से लेकर रणनीति तैयार करने जैसे सभी मामले में संघ हस्तक्षेप कर रहा है। भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए संघ का जोर मत प्रतिशत बढ़ाने और 60 फीसदी सीटों पर प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त हासिल करने पर है। इसके लिए संघ ने भाजपा हाईकमान को 70 फीसदी सीटों पर नए चेहरे को मौका देने का सुझाव भी दिया है।
संघ के सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन की व्यापक समीक्षा में पाया गया कि कार्यकतार्ओं की नाराजगी, अंदरूनी कलह, अति आत्मविश्वास और बेहतर तालमेल की कमी के कारण पार्टी आधे से अधिक बूथों पर प्रतिद्वंद्वियों से पीछे रह गई थी। जिन बूथों पर पार्टी के उम्मीदवार पीछे रहे, वहां लचर प्रबंधन और कार्यकतार्ओं की उदासीनता सबसे बड़ा कारण रहा।
सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के अनुभव का लाभ
संघ के सह सरकार्यवाह और भाजपा और संघ के समन्वय का जिम्मा संभालने वाले अरुण कुमार हरियाणा के प्रांत प्रचारक रह चुके हैं। ऐसे में भाजपा इस चुनाव में उनके अनुभव का लाभ उठाना चाहती है। उन्होंने फरीदाबाद में हुई अहम बैठक में सक्रिय भागीदारी की। संघ ने भाजपा को सलाह दिया है कि वह सभी वरिष्ठ नेताओं को टिकट दे और कम से कम 70 फीसदी सीटों पर नए चेहरे को मौका दे। इसके लिए संघ ने सभी 90 सीटों पर अपनी ओर से उम्मीदवारों का पैनल भी तैयार किया है।
कैसे संभालेंगे हालात
संघ ने तय किया है कि सभी बूथों पर भाजपा के साथ संघ के कार्यकर्ता भी सक्रिय होंगे। मतदान से पहले हर हाल में एक-एक परिवार से संपर्क साधा जाएगा। लोकसभा चुनाव में पार्टी 19,812 बूथों में से 10,072 बूथों पर पीछे रह गई। योजना 11000 बूथों पर बढ़त हासिल करने की है। इसके लिए संपर्क अभियान में संघ के सभी अनुषांगिक संगठन हिस्सा लेंगे।