TIO, नई दिल्ली।

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपने सहयात्री बुच विल्मोर के साथ अंतरिक्ष में फंसी हैं। वह बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में सवार होकर 5 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) गई थीं। उनका मिशन 10 दिनों का था, लेकिन स्टारलाइनर में खराबी आने से उनकी वापसी अटक गई है और अभी छह महीने तक उन्हें अंतरिक्ष मे रहना पड़ सकता है।

इनकी वापसी अगले साल फरवरी तक हो सकती है। दुनिया भर में सुनीता और बुच के अंतरिक्ष में फंसे होने की बातें हो रही हैं लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है दोनों सुरक्षित हैं और आईएसएस के अनुसंधान और रखरखाव में मदद कर रहे हैं। वर्दा स्पेस इंडस्ट्रीज के संस्थापक और अध्यक्ष डेलियन असपारौहोव कहते हैं कि अगर मैं अपेक्षा से सात महीने अधिक समय तक स्पेस में फंस गया तो निश्चित रूप से इसे फंसा होना ही माना जाएगा।

बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, सुनीता विलियम्स के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। उनकी नजर धुंधली हो रही है। माइक्रोग्रैविटी यानी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण के लंबे समय तक संपर्क में रहने की वजह से सुनीता विलियम्स की आंखों में परेशानी हो रही है। नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष स्टेशन में रहने पर होने वाली इस समस्या को स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो-आॅकुलर सिंड्रोम (एसएएनएस) के रूप में जाना जाता है। यह शरीर में द्रव वितरण पर असर डालता है, इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं होती हैं। इससे धुंधला दिखाई देता है और आंख की संरचना भी बदल सकती है। विलियम्स की आंखों के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए उनके रेटिना, कॉर्निया और लेंस का स्कैन किया गया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER