TIO, नई दिल्ली।
बांग्लादेश का 15 वर्षों तक नेतृत्व करने के बाद, ‘आयरन लेडी’ के नाम से मशहूर शेख हसीना को इस्तीफा देने और देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। पिछले महीने कोटा सिस्टम को लेकर शुरू हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन सोमवार को अपने चरम पर पहुंच गया। ढाका की सड़कें, जो पिछले तीन हफ्तों से हिंसा और मौत से दहल रही थीं, उनके देश से बाहर निकलने के बाद जश्न में डूब गईं। शेख हसीना ने फिलहाल भारत में शरण ली है।
पड़ोस देश की मौजूदा स्थिति को लेकर भारत में भी तरह-तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। बांग्लादेश की आपदा में विपक्षी दलों के नेताओं को मौजूदा केंद्र सरकार को नसीहत का अवसर दिख रहा है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने भी बांग्लादेश के हालात पर टिप्पणी की है। संसद परिसर के बाहर मीडिया कर्मियों से बातचीत में संजय राउत ने शेख हसीना को प्रधानमंत्री के रूप में विफल बताया और उन पर बांग्लादेश को तानाशाही तरीके से चलाने का आरोप लगाया।
लोकतंत्र के मुखौटे में तानाशाह थीं शेख हसीना: राउत
पत्रकारों ने जब संजय राउत से हसीना और बांग्लादेश में उपजे हालातों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘शेख मुजीबुर्रहमान और उनके परिवार ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं। इंदिरा गांधी के कारण ही पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या कर दी गई। लेकिन शेख हसीना के बारे में इतना तो कहा ही जा सकता है कि उन्होंने लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही चलाई। लोकतंत्र के नाम पर तानाशाही चलाने और देश की आजादी को खतरे में डालने वालों को देश की जनता माफ नहीं करती। बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उससे हमारे देश के नेताओं को सबक लेनी चाहिए।’
बांग्लादेश से सबक लें भारत के शासक: संजय राउत
उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में भारत जैसी स्थिति पैदा हो गई। वहां विपक्ष की आवाज दबा दी गई, चुनाव में घोटाले हुए। विरोधियों को जेल में डाल दिया गया। कई लोग मारे गये। संसद में अवांछित कानून पारित किये गये। लोग महंगाई से जूझ रहे थे। इस प्रकार, शेख हसीना प्रधामंत्री के रूप में विफल रहीं। उन्होंने लोकतंत्रिक सिद्धांतों की आड़ में देश को तानाशाही तरीके से चलाया। भारत के शासकों को भी इसके प्रभाव के बारे में सोचना चाहिए।’
विफल है मोदी सरकार की विदेश नीति: उदित राज
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने बांग्लादेश संकट पर कहा, ‘ये सिर्फ बांग्लादेश का नहीं, पूरे विश्व का मामला हो चुका है। बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि हिंदू वहां असुरक्षित हैं। इसके पीछे आईएसआई और चीन का हाथ है। बीजेपी के नेता जो कह रहे हैं अगर वह सच है तो ये तो हमारा इंटेलिजेंस फेलियर है। हमें कुछ पता क्यों नहीं चला? ये मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता है। हमारे विदेश मंत्री क्या कर रहे थे?’
बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन का है प्रयास
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग को छोड़कर, अन्य राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के बाद जल्द ही एक नई अंतरिम सरकार बनाई जाएगी। उन्होंने सड़क पर उतरे लोगों से हिंसक विरोध प्रदर्शनों को खत्म करने और बांग्लादेश में शांति स्थापित करने में सेना का सहयोग करने की अपील की। बता दें कि जुलाई में शुरू हुए इन प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोग मारे गए हैं और 3000 से अधिक घायल हुए हैं। सैन्य विमान से भारत पहुंचीं हसीना कथित तौर पर यूनाइटेड किंगडम या फिनलैंड में शरण लेने का इरादा रखती हैं। हालांकि, उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने आजतक से बातचीत में इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी मां की बांग्लादेश लौटने की कोई योजना नहीं है।
प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास में जमकर की लूटपाट
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार स्टूडेंट प्रोटेस्ट का नेतृत्व कर रहे छात्र नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जिन छात्रों ने शुरूआत में नौकरी में कोटा का विरोध किया और बाद में हसीना के इस्तीफे की मांग की, वे नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर जोर दे रहे हैं। हसीना के शासन के अंत पर प्रदर्शनकारियों ने खुशी जताई और ढाका में बांग्लादेशी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास ‘गणभवन’ की छत से राष्ट्रीय ध्वज लहराए। कुछ प्रदर्शनकारियों के पीएम आवास के बेडरूम में बिस्तरों में लेटने, फर्नीचर और कीमती सामान ले जाने और किचन में घुसकर खाने के दृश्य इंटरनेट वायरल हैं।
आंदोलनकारी छात्रों ने बांग्लादेशी संसद पर बोला धावा
प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर भी धावा बोल दिया, जमकर जयकारे लगाए और धुएं वाले बम छोड़े। उन्होंने लूटपाट की, सार्वजनिक संपत्तियों में आगजनी और तोड़ फोड़ की और शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों को खंडित कर दिया। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद संसद भंग कर दी और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और प्रमुख विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया।