TIO, चेन्नई।

तमिलनाडु में 24 घंटे से भी कम समय में तीन अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों की हत्या कर दी गई है। इसे लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार को घेरा है और आरोप लगाया है कि तमिलनाडु में अराजकता का माहौल है और सीएम एमके स्टालिन अक्षम हैं। एआईएडीएमके ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारी डीएमके के लोग ही अराजकता फैला रहे हैं और सरकार के दबाव में पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

‘राज्य में अराजकता का माहौल’
एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यम ने एक बयान जारी कर कहा कि ’24 घंटे से भी कम समय में तमिलनाडु में तीन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की हत्या कर दी गई है। जिन लोगों की हत्याएं हुईं, उनमें से एक एआईएडीएमके के नेता, दूसरे भाजपा के नेता और तीसरे कांग्रेस के नेता थे। इससे साफ पता चलता है कि तमिलनाडु में अराजकता का माहौल है और सीएम एमके स्टालिन पूरी तरह से अक्षम साबित हो रहे हैं। राज्य में अराजकता फैलाने और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाले लोग भी डीएमके के हैं। पुलिस भी सत्ताधारी पार्टी से जुड़े लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि पार्टी हाईकमान ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि सत्ताधारी दल से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई न की जाए।’

भाजपा ने इंडी गठबंधन को निशाने पर लिया
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि ‘तमिलनाडु में कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। जुलाई की शुरूआत में दलित नेता बसपा के आर्मस्ट्रांग की निर्मम हत्या के बाद… पिछले तीन दिनों में हमने लगातार राजनीतिक हत्याएं देखी हैं – एक बीजेपी नेता की, एक एआईडीएमके नेता की और एक कांग्रेस नेता की। इससे पता चलता है कि कानून व्यवस्था एमके स्टालिन के नियंत्रण से बाहर है, लेकिन, राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी के पास इस पर कोई स्टैंड लेने का समय नहीं है। इस पर इंडी गठबंधन का कोई रुख नहीं है। यह उनके दोहरे एजेंडे, उनके दोहरे चेहरे और उनके लिए असुविधाजनक मुद्दे पर बोलने की उनकी कायरता को दशार्ता है।’

भाजपा नेता डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा, ‘तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था खराब है। हर दिन हम राजनीतिक हत्याओं की खबरें देख सकते हैं। आज सुबह, हमने शिवगंगा में अकअऊटङ के एक पदाधिकारी और एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की खबर देखी। उन्हें (राज्य सरकार को) कानून और व्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करना होगा। केवल अधिकारियों और कलेक्टरों को बदलना समाधान नहीं है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को नीति आयोग की बैठक में शामिल होना चाहिए था। जब वे ऐसी बैठक का बहिष्कार करते हैं तो वे तमिलनाडु के विकास का बहिष्कार करते हैं।’

डीएमके सरकार के समर्थन में उतरी कांग्रेस
तमिलनाडु में तीन स्थानीय नेताओं की हत्या पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, ‘तमिलनाडु में यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम सभी जानते हैं कि राजनीतिक नेता अलग-अलग पार्टियों से थे। हर मामले में बहुत अंतर है। यह राजनीतिक हत्या नहीं है, यह वित्तीय मुद्दों और अन्य मुद्दों और किसी और के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी की घटनाएं है। इसलिए, हम सभी हत्याओं को एक रंग में नहीं रंग सकते। प्रत्येक मामले का एक अलग कोण है और तमिलनाडु पुलिस को उन मुद्दों को सुलझाना चाहिए। उम्मीद है कि स्थिति में सुधार होगा क्योंकि पिछले 2-3 महीनों में राजनीतिक लोगों की लगभग 6 हत्याएं हुई हैं। हमें उम्मीद है कि तमिलनाडु पुलिस असली अपराधियों को खोजने के लिए सही कदम उठाएगी।’

विभिन्न पार्टियों के नेताओं की अलग-अलग घटनाओं में हुई हत्या
तमिलनाडु के शिवगंगा इलाके में शनिवार रात को एक भाजपा नेता की बेरहमी से हत्या कर दी गई। जिस नेता की हत्या की गई, वह शिवगंगा के भाजपा जिला सचिव थे। भाजपा नेता जब अपने ईंट के भट्ठे से घर लौट रहे थे, तभी उन पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला किया। इस घटना की निंदा करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि ‘असामाजिक तत्वों को सरकार या पुलिस का कोई डर नहीं हैं। पुलिस सीएम के नियंत्रण में है और वही ये सब राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं।’ एक अलग घटना में कुड्डालोर इलाके में एआईएडीएमके के कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई। पीड़ित की पहचान पद्मनाभन के रूप में हुई है। एआईएडीएमके नेता पर कुछ हथियारबंद लोगों ने हमला किया और पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER