TIO, नई दिल्ली।
आज देश का बजट आने वाला है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सुबह 11 बजे संसद में इसे पेश करेंगी। बजट से पहले जिन मुद्दों को लेकर चर्चाएं तेज थीं, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार में किंगमेकर की भूमिका में उभरे चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के राज्यों आंध्र प्रदेश और बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग से लेकर 8वें वेतन आयोग की सिफारिश तक शामिल थे। लेकिन बजट से पहले सरकार ने अपनी तिजोरी टाइट कर रखी है और इन तीनों ही मांगों को ‘नो’ बोल दिया है।
बिहार को बजट से पहले झटका
सबसे पहले बात करते हैं पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में भाजपा के प्रमुख सहयोगी नीतीश कुमार के जेडीयू द्वारा बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग के बारे में, जिसे लेकर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बजट सत्र के पहले दिन लिखित जवाब देते हुए तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि अंतर-मंत्रालयी समूह की 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता।
बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा पहले दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं ऐसी थीं। जिन राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिया जा सकता है उनमें पहाड़ी भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व या आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, आर्थिक और बुनियादी ढांचे का पिछड़ापन समेत अन्य कारक शामिल हैं। पंकज मंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे के लिए जिन प्रावधानों को पूरा करना होता है, वह बिहार में नहीं है।
आंध्र ने विशेष राज्य की मांग से किया किनारा!
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रबाबू नायडू की पार्टी TDP ने बजट से पहले अपनी 3 सबसे बड़ी मांगे वित्त मंत्रालय को भेजी थीं।चन्द्राबाबू विस लिस्ट में जो मांगें रखी गई हैं। उनमें पहली ये है कि विशेष रूप से राज्य के अनंतपुर, चित्तूर, कुडप्पा, कुरनूल, श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम सहित अन्य पिछड़े जिलों के लिए बजटीय अनुदान होना चाहिए। इसके बाद दूसरी अमरावती के लिए फाइनेंशियल हेल्प और तीसरी पोलावरम सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए समय पर पैसा जारी करने की मांग शामिल है।
हालांकि, इस बीच टीडीपी महासचिव और आंध्र प्रदेश के मानव संसाधन विकास और आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा था कि इन मांगों में कुछ भी अप्रत्याशित नहीं हैं, बल्कि राज्य के ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए आवश्यक वादों को पूरा करना मात्र हैं। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी विभिन्न फंड्स और परियोजनाओं के लिए दबाव तो बनाने में लगी है, लेकिन कथित तौर पर आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे के लिए दबाव नहीं डालने का फैसला किया है, जो उनके पहले के रुख से एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
8वें वेतन आयोग का कोई प्रस्ताव नहीं
22 जुलाई को शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन सरकार ने एक और प्रमुख मुद्दे पर तस्वीर साफ कर दी है। जी हां हम बात कर रहे हैं आठवें वेतन आयोग की, तो बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संशोधन के लिए 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जून 2024 में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन के लिए दो सिफारिशें प्राप्त हुई थीं, लेकिन वर्तमान में सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।