TIO, नई दिल्ली।

उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और मेक इन इंडिया के दम पर देश दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उत्पादों के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। पीएलआई योजना की मदद से देश में तीन वर्षों में दूरसंचार उपकरणों की विनिर्माण बिक्री 50,000 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर के पार पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा, यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस बिक्री में करीब 10,500 करोड़ रुपये का निर्यात भी शामिल है।

पीएलआई योजना की मदद से दूरसंचार क्षेत्र ने तीन वर्षों की इस अवधि में 3,400 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है और 17,800 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है। सरकार ने कहा, आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप दूरसंचार व नेटवर्किंग उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स के बड़े पैमाने पर विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना से देश में उत्पादन, रोजगार सृजन, आर्थिक वृद्धि एवं निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है।

आयात और निर्यात के बीच घटा अंतर
पीएलआई योजना के अलावा सरकार के अन्य प्रयासों से दूरसंचार आयात और निर्यात के बीच अंतर काफी कम हो गया है। दूरसंचार उपकरण और मोबाइल दोनों को मिलाकर 2023-24 में 1.49 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों का निर्यात किया गया। इस अवधि में आयात 1.53 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।

दूरसंचार व्यापार घाटे में आई गिरावट
पीएलआई योजना ने आयातित दूरसंचार उपकरणों पर भारत की निर्भरता को करीब 60 फीसदी तक कम कर दिया है। इससे देश कुछ उत्पादों में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। भारतीय निमार्ता अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उत्तरी अमेरिका और यूरोप को 5जी उपकरण निर्यात कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले पांच वर्षों में दूरसंचार क्षेत्र (दूरसंचार उपकरण और मोबाइल) में व्यापार घाटा 68,000 करोड़ से कम होकर 4,000 करोड़ रुपये रह गया है।

मोबाइल फोन आयातक से निर्यातक बना भारत
इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में पीएलआई योजना की मदद से देश में मोबाइल फोन के उत्पादन और निर्यात में काफी तेजी आई है। भारत अब मोबाइल फोन आयातक से निर्यातक बन गया है। 2014-15 में देश में सिर्फ 5.8 करोड़ मोबाइल फोन का उत्पादन होता था और 21 करोड़ यूनिट आयात किया जाता था। 2023-24 में देश में मोबाइल फोन का उत्पादन बढ़कर 33 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान 5 करोड़ मोबाइल फोन का निर्यात भी किया गया। मूल्य के लिहाज से 2014-15 में 1,556 करोड़ और 2017-18 में 1,367 करोड़ रुपये का निर्यात करने वाले भारत ने 2023-24 में 1,28,982 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन विभिन्न देशों को बेचा। मोबाइल फोन का आयात भी 2014-15 के 48,609 करोड़ से घटकर 2023-24 में सिर्फ 7,665 करोड़ रुपये रह गया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER