TIO, श्रीनगर।
वर्ष 2024 में अब तक के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण कश्मीर समेत उत्तरी कश्मीर में सुरक्षाबलों की आतंकियों के साथ नौ मुठभेड़ हुई हैं। बुधवार को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के राफियाबाद (सोपोर) में मारे गए दोनों पाकिस्तानी आतंकी लश्कर-ए ताइबा से जुड़े थे। बुधवार को इस क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के साथ कुल दो बड़ी मुठभेड़ में चार पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया है। जबकि एक दहशतगर्द घुसपैठ के दौरान उड़ी सेक्टर में मारा गया था। वहीं सामने आया है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तानी उत्तरी कश्मीर में फिर से आतंकवाद को सक्रिय करने की साजिश रच रहा है।
राफियाबाद में बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता में सेक्टर-7 राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडर ब्रिगेडियर दीपक मोहन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से राफियाबाद में आतंकवादियों की मौजूदगी के इनपुट मिल रहे थे। 19 जून को जम्मू-कश्मीर पुलिस को हादीपोरा, राफियाबाद में एक घर में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इसके बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त अभियान शुरू किया। मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को मार गिराया गया।
मारे गए दोनों आतंकवादी लश्कर के थे। इनकी शिनाख्त उस्मान और उमर के रूप में की गई है। उस्मान 2020 से कश्मीर घाटी में सक्रिय था। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। ब्रिगेडियर ने कहा, दोनों आतंकवादियों का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है। सैन्य अधिकारी के साथ उत्तरी-कश्मीर के डीआईजी पुलिस विवेक गुप्ता और एसएसपी सोपोर दिव्या डी के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
कश्मीर में फिर आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रच रहा पाकिस्तान
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तानी उत्तरी कश्मीर में फिर से आतंकवाद को सक्रिय करने की साजिश रच रहा है। इस क्षेत्र में 2005 से 2015 तक आतंक फैला था। हालांकि 2019 में जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक मुहिम के तहत बारामुला जिले को आतंकी मुक्त घोषित किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी मूल के विदेशी आतंकियों की संख्या अभी स्थानीय आतंकियों से ज्यादा है, लेकिन इनका सफाया किया जा रहा है।