TIO, नई दिल्ली।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। एमएलए किरण चौधरी और उनकी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी ने पार्टी छोड़ दी है। दोनों आज यानी बुधवार को दिल्ली में बीजेपी जॉइन करेंगी। इसे लेकर राज्य की सियासत भी गरमा गई है। हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा से लेकर पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह का बयान आया है।
हरियाणा में इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर राजनीतिक दल तैयारियों में लगे हैं। राज्य में अभी बीजेपी की सरकार है और नायब सिंह सैनी मुख्यमंत्री हैं। चुनाव से ठीक पहले किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी के कांग्रेस छोड़ने से पार्टी को बड़ा नुकसान माना जा रहा है। मां-बेटी लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से पार्टी हाईकमान से नाराज चल रहीं थीं।
इस संबंध में कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा, टिकट वितरण सही ना होना किरण चौधरी की सोच है। सही टिकट वितरण हुआ था, इसलिए कांग्रेस की 5 सीटें आईं। पूरे देश में इंडिया ब्लॉक के वोट शेयर को देखा जाए तो हरियाणा के अंदर कांग्रेस का वोट प्रतिशत बहुत ज्यादा है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी हाफ हो गई है। विधानसभा चुनाव में पूरी साफ हो जाएगी।
महेंद्रगढ़ से सशक्त उम्मीदवार थीं श्रुति चौधरी
पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने कहा, श्रुति चौधरी पहले सांसद भी रही हैं और महेंद्रगढ़ भिवानी सीट से सशक्त उम्मीदवार थीं, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन पार्टी का अपना फैसला होता है। पार्टी ने जो फैसला लिया होगा, वो सारे हालात देखकर लिया होगा। अब चुनाव के नतीजे आ चुके हैं तो उन बातों को छोड़ कर विधानसभा चुनाव की तैयारी करनी चाहिए। बृजेंद्र का कहना था कि टिकट वितरण को लेकर एक लंबी प्रोसेस होती है। पहले स्क्रीनिंग कमेटी बैठती है। ऊपर नाम भेजे जाते हैं। फिर उएउ के पास नाम आते हैं। उसके बाद टिकटों का निर्धारण होता है। टिकट तो एक को मिलता है। दावेदार कई लोग होते हैं। बृजेंद्र बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष थीं श्रुति
बता दें कि किरण चौधरी और श्रुति चौधरी दोनों ने मंगलवार को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना अलग-अलग इस्तीफा भेजा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर परोक्ष रूप से हमला किया और आरोप लगाया कि पार्टी की स्टेट यूनिट को एक निजी जागीर के रूप में चलाया जा रहा है। श्रुति चौधरी इस समय हरियाणा कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष भी थीं। जबकि किरण चौधरी भिवानी जिले के तोशाम से मौजूदा विधायक हैं। उन्होंने बताया कि वो और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी दोनों बुधवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होंगी।
चौधरी बंसी लाल की बहू हैं किरण
किरण चौधरी, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल की बहू हैं और उन्हें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। हालांकि, हुड्डा के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के दौरान किरण मंत्री भी रह चुकी हैं। हरियाणा की राजनीति में मां-बेटी का अच्छा खासा दखल है। राज्य में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। माना जा रहा है कि मां-बेटी के बीजेपी में आने से पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है।
हरियाणा में कांग्रेस को निजी जागीर बना दिया है
खड़गे को लिखे अपने इस्तीफे में 69 वर्षीय किरण चौधरी ने लिखा है कि हरियाणा कांग्रेस को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा है, जिसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं है, जिन्हें बहुत सुनियोजित और व्यवस्थित तरीके से दबाया, अपमानित किया गया और उनके खिलाफ साजिश रची गई, जिससे काफी बाधा उत्पन्न हुई।
अब आगे बढ़ने का समय आ गया है
श्रुति चौधरी ने स्पष्ट रूप से हुड्डा के संदर्भ में आरोप लगाया कि स्टेट यूनिट एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द केंद्रित है, जिसने अपने स्वार्थ के लिए पार्टी के हित से समझौता किया है, इसलिए अब मेरे लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है। श्रुति ने कहा कि वो उन लोगों की एक लंबी कतार से आती हैं जिन्हें निस्वार्थ भाव से देश की सेवा करने का सौभाग्य मिला है और मैंने नि:स्वार्थ भाव से सेवा की।
श्रुति को टिकट नहीं दिए जाने से नाराज थीं किरण
समझा जाता है कि किरण चौधरी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से श्रुति चौधरी को टिकट नहीं दिए जाने के साथ-साथ राज्य में पार्टी द्वारा टिकट वितरण से नाराज चल रहीं थीं। 12 जून को कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने भी हुड्डा पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया था और कहा था कि अगर आलाकमान को सही जानकारी दी गई होती और स्वयं की राजनीति नहीं की गई होती तो हरियाणा में पार्टी सभी सीटें जीत सकती थी।
आठ सीटों पर चुनावी मैदान में उतरे थे हुड्डा के करीबी
कांग्रेस ने हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 9 पर चुनाव लड़ा था। जबकि कुरुक्षेत्र सीट पर इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दल आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन दिया। हालांकि अअढ चुनाव हार गई और कांग्रेस ने बीजेपी से पांच सीटें छीन लीं। हरियाणा की राजनीति में हुड्डा की एक और प्रतिद्वंद्वी माने जाने वालीं कुमारी शैलजा ने सिरसा सीट पर जीत हासिल की है। जबकि राज्य की आठ अन्य सीटों पर जो उम्मीदवार उतारे गए थे, वे हुड्डा के करीबी माने जाते हैं।
श्रुति को राज्यसभा भेज सकती है बीजेपी
भिवानी-महेंद्रगढ़ से श्रुति पहले सांसद रह चुकी हैं। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक और हुड्डा के वफादार राव दान सिंह को टिकट दिया था, जो बीजेपी के मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह से हार गए। ऐसी अटकलें हैं कि श्रुति राज्यसभा सीट के लिए बीजेपी के संभावित उम्मीदवारों में से एक हो सकती हैं। हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा की जीत के बाद प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट खाली होने जा रही है। हालांकि, किरण ने कहा कि वो और उनकी बेटी दोनों बिना शर्त बीजेपी में शामिल हो रही हैं।
किरण चौधरी ने इस्तीफे में क्या आरोप लगाए
- किरण चौधरी ने हुड्डा का नाम लिए बिना कहा, उन्होंने मुझे एक कोने में धकेल दिया है। अपमान सहने की भी एक सीमा होती है। मैं पिछले चार दशकों से कांग्रेस की एक वफादार सदस्य रही हूं और इन वर्षों में मैंने अपना जीवन पार्टी और उन लोगों के लिए समर्पित कर दिया जिनका मैं प्रतिनिधित्व करती हूं। हरियाणा में मैं आधुनिक हरियाणा के निमार्ता स्वर्गीय चौधरी बंसी लाल और मेरे दिवंगत पति चौधरी सुरेंद्र सिंह की समृद्ध विरासत का भी प्रतिनिधित्व करती हूं।
- – किरण चौधरी ने कहा कि उनका लक्ष्य और उद्देश्य शुरू से ही अपने राज्य और देश के लोगों की सेवा करना रहा है। मैं अब ऐसी बाधाओं के तहत काम करने में असमर्थ हूं। अपने लोगों और कार्यकतार्ओं की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए मैं नए सिरे से आगे बढ़ने के लिए मजबूर हूं।
- – भूपिंदर हुड्डा पर सीधा हमला बोलते हुए किरण चौधरी ने कहा, उनके लिए सिर्फ उनका बेटा (दीपेंद्र हुड्डा) मायने रखता है। अपने स्वार्थ के लिए वो सभी नेतृत्व को खत्म करना चाहते हैं और उन्होंने कई लोकसभा सीटों पर कांग्रेस की संभावनाएं भी खराब कर दीं। राव दान सिंह के बारे में उन्होंने जीत की गारंटी दी थी, वो लोकसभा चुनाव में अपने ही विधानसभा क्षेत्र से हार गए। यही गारंटी गुरुग्राम और कुछ अन्य सीटों के लिए भी दी गई थी।
- – किरण चौधरी ने कहा, वह चाहते हैं कि केवल उनके बेटे के पास ही सब कुछ हो और वे दूसरों को खत्म करना चाहते हैं। यह कैसे चलेगा? यह आदमी हमेशा इसी तरह काम करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कोई ऐसी ‘छोटी साजिश’ पर उतर आता है तो उस पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा, जब वो (भूपिंदर हुड्डा) मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने हमें हमारे क्षेत्रों में विकास के लिए हमारा हिस्सा भी नहीं दिया। अब स्थिति यह हो गई है कि वो आपको पूरी तरह से राजनीतिक रूप से खत्म करने पर तुले हुए हैं।