TIO, नई दिल्ली।
अल्पमत में होने के बावजूद नई सरकार में भाजपा का पुराना रुतबा कायम रहेगा। एनडीए के घटक दलों की बैठक से यही संकेत मिले हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर वरिष्ठ नेता अमित शाह की उपस्थिति में हुई एनडीए की बैठक में तेदेपा को तीन, जदयू को दो और लोजपा, एनसीपी, शिवसेना, जनकल्याण, जदएस, रालोद को एक-एक मंत्री पद देने पर सहमति बनी है।
शाह ने घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। जदयू संग हुई बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के अलावा संजय झा और ललन सिंह मौजूद थे। चंद्रबाबू नायडू के साथ भी दो सांसद थे, जबकि अजीत पवार के साथ प्रफुल्ल पटेल थे। पवन कल्याण व चिराग पासवान ने अकेले ही मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, तेदेपा को एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री, जदयू को एक कैबिनेट व एक राज्यमंत्री के प्रस्ताव पर सहमति बनी है। लोजपा, शिवसेना व एनसीपी को एक-एक कैबिनेट मंत्री का पद मिलेगा। इसके अलावा जनकल्याण पार्टी सहित कुछ छोटे दलों को राज्यमंत्री का एक-एक पद मिलेगा। विभागों का फैसला रविवार को होने वाले शपथ के दिन या उसके बाद किया जाएगा।
छोटे दलों के साथ बातचीत आज
संतुलन स्थापित करने और गठबंधन को एकजुट रखने के लिए पार्टी नेतृत्व शनिवार को छोटे दलों के नेताओं के साथ बैठक करेगा। सूत्रों के मुताबिक नई सरकार में राज्यों के सियासी हालात पर खास ध्यान दिया गया है। ऐसे दलों को भी मंत्रिपरिषद में मौका मिल सकता है, जिसके पास महज एक ही सीट है।
दबाव बनाने जैसी बात नहीं
सूत्रों ने बताया, घटक दलों की ओर से दबाव जैसी कोई बात नहीं है। सरकार गठन के साथ ही पार्टी के प्रदर्शन पर ध्यान देना है। जदयू-तेदेपा की निगाहें मंत्री पद से इतर राज्य से जुड़े मामलों पर है। इसीलिए मंत्री पद के फॉमूर्ले पर ज्यादा आनाकानी नहीं की है। लोजपा, जनकल्याण पार्टी का रुख भी सकारात्मक रहा है।