हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस बार मदर्स डे 12 मई को मनाया जा रहा है। बच्चे चाहे जितने भी बड़े हो जाएं लेकिन मां के लिए बच्चे ही रहते हैं। मां और बच्चे का रिश्ता बेहद खास होता है। मां के समर्पण और प्रेम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मदर्स डे मनाया जाता है। सभी बच्चे मदर्स डे पर अपनी मां को स्पेशल महसूस कराना चाहते हैं।
मां’ की एक दुआ जिन्दगी बना देगी,खुद रोएगी मगर तुम्हें हंसा देगी।
कभी भूल से भी ‘मां’ को ना रूलाना,एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी।
मां के बिना जिंदगी वीरान होती हैतन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है।
जिंदगी में मां का होना जरूरी है, मां की दुआ से ही हर मुश्किल आसान होती है।
मेरी मां कृष्णा तिवारी से हमें हमेशा प्रेरणा मिलती रही। वे कभी भी शायद उस तरह से नहीं समझाती थी, जिस तरह से आज की मां समझाती है। पर उनकी हर बात के पीछे गहरे मतलब होते थे। आज मैं जिस मुकाम पर हूं, उसके पीछे मेरी मां की आशीर्वाद है।
मुकेश तिवारी, फिल्म अभिनेता
मेरी मां की मां का शुक्रिया जिन्होंने मेरी मां अमृता सिंह को बनाया। अब मां के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं होते की कुछ कह सकूं। बस दिल से शुक्रिया ही कह सकती हूं। पर मैं खूब लड़ती भी हूं और प्यार भी उसी हिसाब से करती हूं कि मैं जो भी हूं आज मां की वजह से हूं।
सराअली खान, फिल्म अभिनेत्री
मेरी मां जनक रानी का नाम लेते ही हंस पड़ता है और कहने लगता है मम्मी की बात कर रहे हो। मां तो हमेशा बच्चों पर नजर रखती है, पर मेरी मां सबसे अलग है। आप तो देखते ही हो कि मेरे शो में भी मेरे ऊपर हमेशा नजर रखे रहती हैं। अब उनके लिए और क्या हूं आई यू मम्मी।
कपिल शर्मा, कॉमेडियन
जिस शब्द की गहराई नापी नहीं जाती
जिस शब्द के गुणगान की परिधि नहीं होती
जिस शब्द का दर्जा भगवान के समकक्ष है
जिस शब्द के होने से ही इस धरती का अक्ष है
जो शब्द समय और सीमा से परे है
वो शब्द मां है, वो शब्द मां है
खुशनसीब है वो जिसके मां होती है
खुशनसीब है वो जो मां होती है
शीला दाहिमा आईएएस
मेरी मां ममता शर्मा हमेशा मेरे दिल में बसी रहती है। फिल्मों की शूटिंग को लेकर हमेशा अलग-अलग लोकेशन पर रहती हूं पर मां से हमेशा संपर्क में रहती हूं।
कनुप्रिया, फिल्म अभिनेत्री
मेरी मां शीला शर्मा से मैं काफी दूर मुंबई रहती हूं, पर हमें हमे हमेशा महसूस होता है कि हम दोनों एक-दूसरे के दिलों में बसे हैं। लव यू मां।
प्रकृति शर्मा, फिल्म अभिनेत्री
मेरी मां माला तिवारी से मैं बहुत अलग तरह-तरह के इमोशन रखता हूं। न जाने क्यों हमारे साथ ऐसा हुआ कि बिग सी यानि कैंसर चुपके से हमारी लाइफ में घुस आया। हम सब अस्तव्यस्त हो गए पर हमने अपने आप को समेटा। मां ने कैंसर से जंग से जीती पर मैं उस समय बहुत टूट गया था पर मां ने ही हौंसला बढ़ाया। मां ने कहा था.. जाको राखे साइयां मार सके न कोय। मां पर बात करते हुए कार्तिक की आंखे साथ नहीं देती छलक ही पड़ती है। जो हमने भी अपनी बात सीमित रखी और उनकी मां के स्वस्थ्य होने की दुआएं की।
कार्तिक आर्यन, फिल्म अभिनेता
माँ की ममता करुणा न्यारी, जैसे दया की चादर
शक्ति देती नित हम सबको, बन अमृत की गागर
साया बन कर साथ निभाती, चोट न लगने देती
पीड़ा अपने उपर ले लेती, सदा सदा सुख देती
माँ का आँचल सब खुशियों की, रंगा रंग फुलवारी
इसके चरणों में जन्नत है, आनन्द की किलकारी
अदभुत माँ का रूप सलोना, बिलकुल रब के जैसा
प्रेम के सागर सा लहराता,इसका अपनापन ऐसा।
अंजली अग्रवाल (मां राज अग्रवाल), शिक्षा विद
कभी-कभी यह समझ पाना कठिन हो जाता है की कैसे ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता का भाव व्यक्त कर सके, मैं उन चुनिंदा खुशनसीब लोगों में से एक हूं जिन्हें ईश्वर ने दो मॉं दी है, ईश्वर की सबसे सुंदर कृति स्त्री और स्त्री का सबसे सुंदर रूप मातृत्व, जो मुझे मॉं और सासू मॉं दोनों से भरपूर मिलता है। आप दोनों ही इस दुनिया में ईश्वर का सबसे सुंदर उपहार है मेरे लिए।
आयुश्री सक्सेना, लेखिका
फिल्मी दुनिया की भागमभाग में हमेशा कहीं खो जाता हूं। पर जब भी समय मिलता है अपनी मां के साथ जरूर समय गुजारता हूं। क्योंकि मां के साथ जो अनुभव मिलते हैं वह शायद कहीं और नहीं मिलते। जहां में एक नई जगह की तलाश में रहता हूं वह जगह तलाश मांग के पास आकर पूरी होती है।
दीपक मुकुट, फिल्म निर्माता और निर्देशक
जहां दुनिया भर के न्यायाधीशों की जिम्मेदारी कंधों पर हो तो उसके लिए हमेशा दिमाग को खुला और जागरुक रखना पड़ता है। इन सब विधाओं के पीछे मेरी मां हरितिमा सिन्हा का आशीर्वाद काम आता है। मैं हरपल अपनी मां का आभारी रहता हूं कि जिस मुकाम पर मैं हूं वह मां की वजह से ही हूं।
Vijay Chandra Registrar, National Judicial Academy India
मेरी मां पद्मश्री मेहरून्निसा परवेज मेरे लिए तो मां के साथ पिता भी हमेशा आदर्श रहे हैं। हमें आईपीएस बनाने में मेरे माता-पिता का अहम योगदान रहा। हमें विरासत में मां से लेखन व अभिनय की कला मिली। जिसकी बदौलत फिल्मों में भी काम किया। हालांकि बहुत फिल्में छोड़ दी। अपनी पुलिस की जिम्मेदारी में ज्यादा मजा आता है।
साबला प्रसाद, आईपीएस
मेरी मां रागिनी अग्रवाल हमें हमेशा पढ़ाई से लेकर डॉक्टर बनने तक प्रेरित करती रहीं। हमेशा अपने पिता डॉक्टर एनएस अग्रवाल क मिसाल देती रहीं कि पैसे तो सब कमा लेते हैं, पर सम्मान मुश्किल से ही कमाया जाता है। बस जीवन में मां के इस बात को मूल मंत्र मानकर डॉक्टरी करने के बाद जीवन का हिस्सा बना लिया। कोशिश करके अपने मरीजों को अच्छे से अच्छा इलाज के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति समझते हुए उनका इलाज किया। आज कई मरीज मेरे इस बात के लिए हमेशा धन्यवाद देते हैं , पर इसके पीछे प्रेरणा मेरी मां की है। जिन्होंने जिंदगी का यह आदर्श सिखाया।
डॉ. अंकित अग्रवाल, चर्म रोग विशेषज्ञ
मेरे जीवन में मेरी मां का स्थान वही है जो लोगों का भगवान के लिए रहता है। हमें मेरी मां में साक्षात भगवान के दर्शन होते हैं। आज मैं जिस मुकाम पर पहुंची हूं, उसके लिए मेरी मां की कड़ी मेहनत और तपस्या है। मैं हमेशा मां की आभारी रहूंगी की उन्होंने शुरु से लेकर आज तक मेरे लिए जितनी तप तपस्या की है उसे मैं कभी भुला नहीं सकती। अब मैं कोशिश करती हूं कि मां के बताए आदर्शों पर चलकर पुलिस में इस तरह का काम करूं कि जिससे मां का सिर हमेशा फक्र से भरा रहे और लोग भी मेरे कार्य से संतुष्ट रहें।
अनिता प्रभा शर्मा, एसीपी, मप्र पुलिस