TIO, नई दिल्ली।

यूरोप की जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस का कहना है कि अप्रैल 2024 अब तक का सबसे गर्म महीना रिकॉर्ड किया गया है। अप्रैल 2024 में जबरदस्त गर्मी रही और इस दौरान दुनियाभर में बाढ़, सूखा, बारिश जैसी आपदाओं से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। यह लगातार 11वां महीना है, जिसमें रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया। तापमान में वृद्धि की वजह अल नीनो प्रभाव और जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा है।

बढ़ रहा औसत तापमान
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में औसत तापमान 15.03 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि 1850-1900 में पूर्व औद्योगिक काल के तापमान की तुलना में 1.58 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। वहीं 1991-2020 की तुलना में अप्रैल 2024 का औसत तापमान 0.67 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। इससे पहले अप्रैल 2016 में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया था, लेकिन अप्रैल 2024 ने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। कॉपरनिकस क्लाइमेंट एजेंसी के निदेशक कार्लो बूनोटेम्पो ने बताया कि इस साल की शुरूआत में अल नीनो प्रभाव चरम पर था, लेकिन अब पूर्वी प्रशांत महासागर की सतह का तापमान वापस सामान्य होने की तरफ बढ़ रहा है, इसके बावजूद अभी भी समुद्र की सतह का तापमान बढ़ा हुआ है, जिसके असर से ही माना जा रहा है कि अप्रैल 2024 में रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया।

एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वैश्विक तापमान बीते 12 महीनों में सबसे उच्चतम दर्ज किया गया और यह औद्योगिक काल (1850-1900) से पूर्व की तुलना में 1.61 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। दुनियाभर के देशों को औसत वैश्विक तापमान में औद्योगिक काल से पहले के तापमान की तुलना में तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने की कोशिश करनी चाहिए, वरना इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

सालाना 38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका
जर्मनी के पोट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इंपैक्ट रिसर्च के एक हालिया अध्ययन के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन से वैश्विक अर्थव्यवस्था को साल 2049 तक हर साल करीब 38 लाख करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ सकता है। खासकर जलवायु परिवर्तन के चलते सबसे ज्यादा उन देशों को नुकसान उठाना पड़ेगा, जो जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार ही नहीं हैं।

एशियाई देश इन दिनों लू की समस्या से जूझ रहे हैं और फिलीपींस में तो स्कूल भी बंद करने पड़े। भारत में भी इन दिनों जानलेवा लू का कहर चल रहा है। वहीं संयुक्त अरब अमीरात में 75 वर्षों के इतिहास में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का कहना है कि अब ला नीना प्रभाव बनना शुरू हो गया है, जिससे अगस्त-सितंबर में भारत में अच्छी बारिश का अनुमान है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER