TIO, नई दिल्ली।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। बीते दिनों विश्वविद्यालय प्रमुखों की चयन प्रक्रिया पर राहुल ने सवाल खड़ा किया था। इस दौरान उन्होंने कुलपतियों के चयन को लेकर टिप्पणी की थी। जिसका विरोध जताते हुए अब कई विश्वविद्यालय के कुलपतियों और शिक्षाविदों ने खुला पत्र लिखा है। इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पत्र में लिखा गया है, ह्यजिस प्रक्रिया से कुलपतियों का चयन किया जाता है, वह योग्यता, विद्वतापूर्ण विशिष्टता और अखंडता के मूल्यों पर आधारित कठोर, पारदर्शी कठोर प्रक्रिया की विशेषता है। चयन पूरी तरह से शैक्षणिक और प्रशासनिक कौशल पर आधारित है और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है।’

पत्र में आगे लिखा गया है कि देश भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति और अकादमिक नेताओं के चयन प्रक्रिया के संबंध में हाल ही में दिए गए आधारहीन आरोपों का खंडन किया जाता है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि राहुल गांधी ने झूठ का सहारा लिया है और कार्यालय को बदनाम किया है। इसलिए यह मांग की जाती है कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने अपने बयानों में हाल ही में कहा था कि विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता और अहर्ता को ताक पर रख कर कुछ संगठनों से संबंधों के आधार पर की जा रही है। राहुल गांधी के इस बयान का विरोध करते हुए कई कुलपतियों और शिक्षाविदों ने विश्वविद्यालय प्रमुखों की चयन प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER