TIO, भोपाल।
रविवार शाम छतनारा आर्ट होम द्वारा बैठक आर्ट हाऊस में साउंड हीलिंग सेशन आयोजित किया गया। इस सेशन को राजस्थान से भोपाल आयी साउंड हीलर प्रेरणा शर्मा लीड कर रही थीं। कार्यक्रम मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित था। सेशन की शुरूआत में सभी प्रतिभागियों का तिलक चन्दन से स्वागत किया गया। उसके बाद ओमकार के साथ शुरूआत में कुछ समय सभी ने साथ मेडिटेशन किया। साउंड हीलिंग में कई तरह के वाद्य यन्त्र प्रयोग में लाये जाते हैं, प्रेरणा अपने सात सिंगिंग बाउल के साथ पूरे सेशन को आगे ले जाती रहीं। सभी प्रतिभागी योगा मैट पर लेटकर और आँखे मूँदकर, ध्वनियों के सहारे और प्रेरणा की गाइडेंस में, साउंड हीलिंग का अनुभव कर रहे थे।
अनोखी बात यह रही कि इस सेशन में हर उम्र के प्रतिभागी मौजूद थे। 82 वर्ष से लेकर 19 वर्ष के प्रतिभागी इस सेशन में हिस्सा लिए। प्रेरणा ने सभी को चक्र और उनके अलग अलग स्वभाव के बारे में बताया। साथ ही यह भी कि साउंड हीलिंग एक प्राचीन पद्धति है जो पिछले कुछ सालों से दोबारा मुख्यधारा में आ रही है। इसके पीछे का तर्क यह है कि हर ध्वनि की अपनी फ्रीकवेंसी होती है और कुछ निश्चित ध्वनियाँ हमारे चेतन और अवचेतन पर विशेष प्रभाव डालती हैं। कार्यक्रम के आखिर में छतनारा की फाउंडर मोहिनी शर्मा ने प्रेरणा को स्मृति चिन्ह देते हुए सभी की तरफ से शुक्रिया अदा किया और प्रतिभागियों ने सभी के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।
वाइल्ड लाइफ में कई साल काम किया, साउंड हीलिंग ऋषिकेश ले गयी
साउंड हीलर एंड मेडिटेशन मेंटर, प्रेरणा शर्मा, राजस्थान से ताल्लुक रखती हैं। बचपन से ही प्रकृति और जीवन में रूचि होने के कारण प्रेरणा ने बायोलॉजी में अपनी पढ़ाई करते हुए वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में लम्बे समय से काम कर रही हैं। देश के विविध नेशनल पार्क के सर्वे और कई जीव-जंतुओं के शोध में उन्होंने महती भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, वे पिछले बारह सालों से योग और मेडिटेशन के अपने अभ्यास और उसकी शैक्षिक जागरूकता के लिए समर्पित हैं।
प्रेरणा ने सेशन के दौरान बताया कि, “योग और ध्यान हमेशा से ही मेरे लिए जीवन का पूरक रहा है। मुझे हर उस रास्ते के बारे में जानना पसंद है जो इक्कीसवी सदी में मनुष्य को शांत, सुखी और केंद्रित रखे। कुछ समय पहले मुझे लगा कि साउंड हीलिंग मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बेहद पावरफुल टूल है। इसके लिए मैं अपने जॉब से ब्रेक लेकर ऋषिकेश गयी और वहाँ रहकर साउंड हीलिंग की प्राचीन तिब्बती पद्धति सीखी और उसके बाद से मैं व्यक्तिगत और ग्रुप सेशन ले रही हूँ। साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता के लिए वालंटियर वर्क करती हूँ।