शशी कुमार केसवानी

भोपाल के होटल जहांनुमा पैलेस के शाहनामा रेस्टोरेंट में विरासत ए मुर्शिदाबाद फूट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। जिसका शुभारंभ आज 25 अप्रैल से होगा और समापन 28 अप्रैल को होगा। चार दिवसीय यह आयोजन शाम 7 से रात 11 बजे तक आयोजित किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में खाए जाने वाले व्यंजनों का आप लुत्फ उठा सकते हैं। जिस तरह से मुर्शिदाबाद जिले का एक अपना लंबा इतिहास है। वैसे ही वहां के खाने का भी एक लंबा इतिहास है। इस इतिहास की जानकारी मुर्शिदाबाद से आई सैफ सरिता सरकार ने बताया कि वहां रोजमर्रा के खाने वाले व्यंजन भी सर्व किए जा रहे हैं। जिसमें विशेष तरह के माछेर चॉप, भेटकी भापा, कोशा मांगशो, चिकन डाक बंगलो (जिसे अंग्रेज आर्मी के अफसर सरकारी गेस्ट हाउसों में खाया करते थे।) मंगशोर झोल, छेना रोल, मिष्टी दोई, ­झींगरी मलाई जैसे अनेकों व्यंजन आयोजन में परोसे जाएंगे।

आज कल देश में रोज नए कैफे और रेस्टोरेंट खुल रहे हैं, पर उनका आकर्षण चार दिन ही रहता है। लोग धीरे-धीरे उन खानों की तरफ लौटते हैं जो परंपराओं से जुड़े हैं। इस पर काम जहांनुमा पैलेसे रिवायत के अंतर्गत हो रहा है। यहां पर उन पुराने खानों को जीवित रखा जा रहा है जो धीरे-धीरे थालियों से गायब होते जा रहे हैं। मुर्शिदाबाद में वही खाने परोसे जा रहे हैं, जो आज से लगभग 300 साल पहले की रेसीपीज को जीवित करके यह व्यंजन परोसे जा रहे हैं। इन खानों का नवाब परिवारों के साथ साथ पुराने राजे रजवाड़े तो जुड़े रहे ही हैं। पर आज का युवा भी इन खानों के प्रति आकर्षित रहता है। इन खानों की विशेषता यह है कि इनका स्वाद के साथ महक एक अलग आंनद और उत्साह भरती है। भोपालवासियों के लिए यह सुनहरा अवसर है, जो इन व्यंजनों का आनंद ले सकते हैं। मछली और नॉनवेज के साथ साथ वेज व्यंजनों का भी अलग स्वाद है और वह स्वाद ऐसा है जो एक बार खाने के बाद हमेशा याद रहेगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER