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महाराष्ट्र में शुरू हुए हनुमान चालीसा विवाद पर शिवसेना ने एक बार फिर से हमला बोला है। अपने मुखपत्र ‘सामाना’ में लिखा है, भारतीय जनता पार्टी ने हिंदुत्व के नाम पर जो हंगामा शुरू किया है, उसका समर्थन नहीं किया जा सकता। हिंदुत्व एक संस्कार एवं संस्कृति है, हंगामा नहीं।

 

सामना में शिवसेना ने लिखा, इस राज्य में हनुमान चालीसा का जाप प्रतिबंधित नहीं है। इसके बावजूद राणा दंपती (अमरावती सांसद नवनीत राणा और पति विधायक रवि राणा) मातोश्री के सामने ही इसका जाप क्यों करना चाहते थे? शिवसेना ने कहा, अगर वे राष्ट्रीय स्तर पर हनुमान चालीसा का जाप करना चाहते थे, तो उन्हें मतोश्री के बजाय लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर इसका जाप करना चाहिए था।

भाजपा ने बनाई माहौल खराब करने की योजना
शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा, हनुमान चालीसा पर किसी राज्य ने प्रतिबंध नहीं लगाया है। इसके बावजूद मतोश्री पर जाकर पाठ करने का हठ क्यों? दरअसल, भाजपा ने ही राणा दंपती को आगे करके मुंबई का माहौल खराब करने की योजना बनाई थी। उसी आदेश के अनुसार सब कुछ किया गया। शिव सैनिक आक्रोशित हो उठे और राणा दंपती का निकलना मुश्किल हो गया।

ये राणा कौन, इनमें इतना अहंकार कैसे?
सामना में लिखा है कि अब ये राणा कौन हैं? इनमें इतना अहंकार, मस्ती कहां से पैदा हुई? यह ‘ईडी’ जैसी एजेंसियों के लिए जांच का विषय है। आरोप लगाया कि नवनीत राणा ने फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर अमरावती से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता था। नवनीत कौर राणा और उनके पिता हरभजन सिंह कुंडलेस ने जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। चुनाव लड़ने के लिए नवनीत कौर राणा ने अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाणपत्र बनवाया। इस जालसाजी पर मुंबई उच्च न्यायालय ने मुहर लगाई, लेकिन मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाकर समय व्यतीत किया जा रहा है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER