TIO, रायपुर/दिल्ली।

छत्तीसगढ़ के 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में लिप्त आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू और ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। यह सब TIO की खबर का असर है। तीन दिनों लगातार TIO में प्रकाशित हो रही खबर से हड़कंप मचा हुआ है। यही नहीं, खबर से छत्तीसगढ़ ही नहीं, दिल्ली तक के कान खड़े हो गए हैं। खबर का असर यह हुआ कि ईडी की विशेष अदालत ने कारोबारी अनवर ढेबर , अरविंद सिंह और शराब माफिया आबकारी विभाग के पूर्व उपसचिव एपी त्रिपाठी को 18 अप्रैल तक ईओडब्ल्यू की रिमांड में भेज दिया है। आरोपी एपी त्रिपाठी को बिहार के गोपालगंज से हिरासत में लिया गया था। इधर शराब घोटाले के आरोपियों को लेकर एक ओर जहां अदालती कार्यवाही में गहमा-गहमी देखी गई वहीं दूसरी ओर कई कारोबारियों के ठिकानों पर एडह की दबिश से राजनैतिक पारा भी ऊपर चढ़ता नजर आया। शनिवार को सुबह से लेकर शाम तक शराब घोटाले की धूम रही, मामले में ईओडब्ल्यू की सक्रियता से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश गिरोह में सनसनी है। भूपेश के कई कारोबारी मित्र मंडली पर ईओडब्ल्यू और ईडी की पैनी निगाह बताई जाती है। ईओडब्ल्यू ने एक बार फिर अचानक छापेमारी कर आबकारी महकमे की नींद उड़ा दी है। कई अधिकारियों को गिरफ्तारी का अंदेशा सता रहा है।

जानकारी के मुताबिक शराब कारोबारी अनवर ढेबर के कई ठिकानों पर EOW की दबिश से आबकारी महकमा हैरत में है। दावा किया जाता है कि कारोबारी अनवर ढेबर शराब घोटाले में सिर्फ सहयोगकर्ता के रूप में कार्यरत रहे, जबकि घोटाले की असल रकम से भूपेश बघेल और उनका परिवार लाभान्वित हो रहा था। सूत्रों द्वारा दावा किया जा रहा है कि कारोबारी अनवर ढेबर ने शराब घोटाले की हकीकत से ईओडब्ल्यू को अवगत कराया है। ढेबर ने अपनी स्थिति और बेगुनाही साबित किए जाने को लेकर जांच अधिकारियों को कई तथ्यों से रूबरू कराया है। सूत्रों का कहना है कि भूपेश और सौम्या चौरसिया ने घोटाले की बड़ी रकम हवाला के जरिए दुबई ट्रांसफर की थी ।

इस रकम का बड़ा हिस्सा भूपेश बघेल के पुत्र बिट्टू के रियल इस्टेट कारोबार में भी निवेश किया गया है। भिलाई में भू-पे और उसके गिरोह ने रियल इस्टेट कारोबार में अरबों का निवेश किया है। इस मामले की जांच जारी है। बताते हैं कि ईडी के हालिया छापेमारी में रियल इस्टेट कारोबार में निवेश सम्बंधी कई सबूत एजेंसियों के हांथ लगे हैं। यह दस्तावेज भिलाई के चौहान बिल्डर्स के ठिकानों से जब्त किए गए थे। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश का खेती किसानी करने वाला पुत्र बिट्टू भी बीते 5 सालों में बिल्डर बन गया था। उसने पिता से प्राप्त काली कमाई से बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदी और उस पर विट्ठलपुरम नामक कॉलोनी बसाई है। सूत्रों के मुताबिक भ्रष्टाचार की रकम से चमचमाती इस रियासत की नींव शराब और महादेव ऐप घोटाले से अर्जित संपत्ति से निर्मित होना बताई जाती है। इस मामले को लेकर ईडी भूपेश पुत्र बिट्टू से भी पूछताछ में जुटी है।

भूपेश के अलावा उसके पुत्र के खिलाफ भी अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के कई प्रमाण एजेंसियों के हांथ लगे हैं। राज्य के 36 हजार करोड़ के नान घोटाले और 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में लिप्त पाए गए पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और उन पर आश्रित पुत्र यश टुटेजा की आकूत संपत्ति की भी पड़ताल जारी बताई जा रही है. बताते हैं कि टुटेजा के सुपर सीएम बनने के बाद उसके नाते-रिश्तेदारों से लेकर नौकर-चाकरों के नाम पर भी बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्ति की खरीद फरोख्त की गई है। इसमें भी नगदी का भरपूर इस्तमाल किया गया था। फिलहाल ईओडब्ल्यू की कार्यवाही से प्रशासनिक और राजनैतिक हलकों में गहमा-गहमी देखी जा रही है। टुटेजा पिता पुत्र के भी ईओडब्ल्यू के हत्थे चढ़ने के आसार बढ़ गए हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER