TIO, लखनऊ।

नौकरी के लिए म्यांमार गए तीन इंजीनियर दोस्त बंधक बना लिए गए हैं। एक इंजीनियर के परिजनों से 8.14 लाख रुपये की फिरौती भी वसूली। रकम ट्रांसफर होने के बाद से इंजीनियर से परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। उसके भाई ने डालीगंज में स्थित एंटी ह्यूमेन ट्रैफिकिंग यूनिट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर में उसके दोस्त व एक मलेशिया एजेंट नामजद आरोपी है। गुडंबा के आधारखेड़ा गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर जोगिंदर चौहान ने बताया कि उनके 24 वर्षीय भाई सागर चौहान सिविल इंजीनियर हैं। बीती 26 मार्च को वह बसहा गांव निवासी अपने दोस्त राहुल उर्फ आरुष गौतम के साथ मलेशिया जाने की बात कहकर निकला था।

दूसरे दिन जब उससे बात हुई थी तो उसने बताया था कि राहुल की कंपनी ने म्यांमार में नौकरी दिलाने की बात कही है, इसलिए वह म्यांमार चले गए हैं। साथ में उनका तीसरा दोस्त बाराबंकी निवासी अजय कुमार भी है। जोगिंदर के मुताबिक 28 मार्च को जब सागर की कॉल आई तो उसने बताया कि वहां उसको बंधक बना लिया गया है। टॉर्चर किया जा रहा है। फिर रुपयों की मांग की। जोगिंदर ने दो, तीन व चार अप्रैल को कुल तीन बार में 8 लाख 14 हजार रुपये उसको भेज दिए। तब से सागर से कोई बात नहीं हो पा रही है। इसलिए जोगिंदर ने आरुष गौतम व मलेशिया के रॉबिन हुड नाम के शख्स पर एफआईआर दर्ज कराई है।

उनका कहना है कि राहुल उनके भाई को ले गया था। अंदेशा है कि उसने उसके भाई को वहां बेच दिया। तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया है लेकिन जो तरू सामने आए हैं, उससे साफ है कि तीनों दोस्त फंसे हुए हैं। कमिश्नरेट पुलिस विदेश मंत्रालय से संपर्क कर प्रकरण की जानकारी दी है। बंधक बनाए गए युवकों की वापसी की जद्दोजहद में जुटी है।

बंधक बनाए गए तीनों इंजीनियर दोस्तों ने व्हाट्सएप पर परिजनों को भेजे वीडियो
म्यांमार में फंसे तीनों इंजीनियर दोस्तों ने वीडियो बनाकर परिजनों को व्हाट्सएप पर भेजे हैं। जिसमें बताया है कि उन पर वहां बर्बरता की जा रही है। 18-20 घंटे काम कराया जा रहा है। बहुत कम खाना देते हैं। इलेक्ट्रिक शॉक भी देते हैं। ये सुनकर परिजन हैरान और परेशान हैं। वह भी भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि उनके बच्चों को किसी तरह से बंधने से मुक्त कराएं।

साइबर फ्रॉड में कर रहे इस्तेमाल
शुरूआत में जब जोगिंदर की अपने भाई सागर से बात हुई तो उसने बताया था कि वहां लोग उनसे साइबर फ्रॉड करवाते हैं। तमाम नंबर देकर उन पर कॉल करवाते हैं और फिर तरह-तरह का झांसा देकर लोगों से ठगी की जाती है। इसके लिए हर किसी को रोजाना का टारगेट देते हैं। जो पूरा नहीं कर पाता है उस पर बर्बरता करते हैं। जिस कंपनी ने बंधक बनाया है वह चीन की बताई जा रही है।

हर दिन खाते से ट्रांसफर हो रहे एक लाख
जोगिंदर ने बताया कि म्यांमार के किसी शख्स का खाता नंबर आदि दिया गया था। जिसमें डॉलर ट्रांसफर करने की बात कही थी। जो वह नहीं कर पाए। इसलिए उन्होंने पूरी रकम सागर के खाते में भेज दी। तब से हर दिन भाई के खाते से एक-एक लाख रुपये अलग-अलग खातों में भेजे जा रहे हैं। संबंधित बैंक से संपर्क कर उन खातों का विवरण मांगा है।

सागर को कर रहे सबसे ज्यादा प्रताड़ित
राहुल ने वीडियो में कहा, वह मलेशिया में कई महीने नौकरी कर चुका था। दोबारा वहां नौकरी करने के लिए सुपरवाइजर रॉबिन से संपर्क किया। उसके कहने पर अपने दो दोस्तों सागर और अजय को ले आया। इन लोगों ने मेरी म्यांमार की टिकट कराई। तब कुछ शक हुआ लेकिन रॉबिन ने कहा कि म्यांमार से मलेशिया भेजा जाएगा। इसलिए वह वहीं चला गया। राहुल के मुताबिक सभी को बंदूक की नोक पर बंधक बनाकर साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। सागर को अलग कमरे में बंद करके सबसे अधिक प्रताड़ित किया जा रहा है।

500 से अधिक युवक हैं कैद
राहुल के मुताबिक जहां पर वह व उनके दोस्त बंधक हैं, वहां पर अलग-अलग देशों के करीब 500 युवक बंधक बने हैं। उनसे भी उसी तरह का काम कराया जाता है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER