TIO, लंदन।

पीट्सबर्ग में बर्ड फ्लू पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी है कि एच5एन1 वायरस बड़ी संख्या में स्तनधारी जीवों को संक्रमित कर सकता है, जिनमें इंसान भी शामिल हैं। डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने दावा किया वायरस उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां वह महामारी का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि बर्ड फ्लू संक्रमण तेजी से महामारी का रूप ले सकता है और इसकी उच्च मृत्यु दर को देखते हुए यह कोरोना महामारी से सौ गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि एच5एन1 वायरस गंभीर स्थिति की तरफ बढ़ रहा है और बहुत आशंका है कि यह वैश्विक महामारी का कारण बन सकता है।

एच5एन1 वायरस का संक्रमण बन सकता है महामारी का कारण
पीट्सबर्ग में बर्ड फ्लू पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी है कि एच5एन1 वायरस बड़ी संख्या में स्तनधारी जीवों को संक्रमित कर सकता है, जिनमें इंसान भी शामिल हैं। डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने दावा किया वायरस उस दिशा में बढ़ रहा है, जहां वह महामारी का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू का संक्रमण दुनिया में जगह-जगह अभी भी मौजूद है और बड़ी संख्या में स्तनधारी अभी भी उससे संक्रमित हो रहे हैं। अब समय आ गया है कि हमें इसके खिलाफ तैयारी करनी चाहिए वरना हालात गंभीर हो सकते हैं।

कोरोना महामारी से 100 गुना ज्यादा खतरनाक होगा संक्रमण
मीडिया रिपोर्ट्स में एक अन्य विशेषज्ञ के हवाले से कहा गया है कि बर्ड फ्लू संक्रमण कोरोना महामारी से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने दावा किया कि बर्ड फ्लू से फैली महामारी कोरोना महामारी से भी 100 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। बर्ड फ्लू महामारी में मृत्यु दर कोरोना की तुलना में बहुत ज्यादा होगी और अगर इसने इंसानों में म्युटेट होना शुरू कर दिया तो इसके और गंभीर होने का खतरा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े डरा रहे
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, साल 2003 से एच5एन1 वायरस से संक्रमित होने वाले हर 100 मरीजों में से 52 की मौत हो चुकी है। इस तरह एच5एन1 की मृत्यु दर 50 फीसदी से ज्यादा है। इसकी तुलना कोरोना वायरस से करें तो उसकी मृत्यु दर महामारी की शुरूआत में कुछ जगहों पर 20 फीसदी थी, जो बाद में गिरकर सिर्फ 0.1 फीसदी रह गई थी। बर्ड फ्लू के अब तक सिर्फ 887 मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें से 462 की मौत हो चुकी है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER