TIO, इस्लामाबाद।

पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में आतंकियों ने सोमवार रात तुर्बत अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और नौसेना एयरबेस पर हमले का प्रयास किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने नौसेना एयरबेस में हमले को नाकाम करते हुए चार आतंकियों को मार गिराया। वहीं, हमले में सिद्दीक एयरबेस को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अधिकारियों ने बताया कि जब आतंकियों ने बलूचिस्तान के तुर्बत जिले में नौसैनिक सुविधा में घुसने की कोशिश की तो उन्हें तुरंत पहचान लिया गया और मार दिया गया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने इस घटना पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।

शुरूआती रिपोर्ट में बताया गया था कि सोमवार की रात आतंकवादियों ने तुर्बत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीयूके) और पाकिस्तान के दूसरे सबसे नौसेना एयर स्टेशन पीएनएस सिद्दीक पर हमला कर दिया। दोनों सुविधाओं के पास भारी गोलीबारी और विस्फोट होने की सूचना थी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने द बलूचिस्तान पोस्ट के हवाले से बताया कि तुर्बत में पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नौसैनिका हवाई स्टेशन पीएनएस सिद्दीक पर आतंकी हमला हुआ है। साथ ही क्षेत्र में कई विस्फोटों की सूचना मिली है। आतंकी हमले के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुर्बत के अस्पतालों में इमरजेंसी घोषित कर दी है और सभी डॉक्टरों को तुरंत ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है।

बीएलए की माजिद ब्रिगेड ने ली हमले की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) की माजिद ब्रिगेड ने तुर्बत में नौसेना एयरबेस पर हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें, मजीद ब्रिगेड बलूचिस्तान प्रांत में चीन के निवेश का विरोध करती है। संगठन का आरोप है कि चीन और पाकिस्तान क्षेत्र के संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीएलए ने दावा किया है कि उसके कई लड़ाके एयरबेस में घुस गए हैं। इस एयरबेस पर चीनी ड्रोन भी तैनात हैं।

20 मार्च को ग्वादर बंदरगाह पर हुआ था हमला
इससे पहले, 20 मार्च को बीएलए की मजीद ब्रिगेड ने बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में आतंकी हमला किया था, जिसमें दो पाकिस्तानी सैनिक और आठ आतंकवादी मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा था कि आठ आतंकवादियों ने पोर्ट अथॉरिटी कॉम्प्लेक्स में घुसने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों के जवानों ने हमले को सफलतापूर्वक विफल कर दिया।

चीन की साझेदारी से बना ग्वादर बंदरगाह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें अरबों डॉलर की सड़क और ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं। साथ ही यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) का भी हिस्सा है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER