TIO, नई दिल्ली।

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के साथ ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ चुनाव आयोग की बैठक में चर्चा हुई है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए देशभर में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर आयोग की गृह मंत्रालय के साथ ही रेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है। पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस साल 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था। हालांकि, अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि क्या इस साल अप्रैल-मई में निर्धारित लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव भी कराए जा सकते हैं।

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल भी जून में अलग-अलग तिथि को खत्म हो रहा है और इन राज्यों में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त अरुण गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। यह बैठक ऐसे समय हुई है जबकि चुनाव आयोग की एक टीम चुनावी तैयारियों का जायजा लेने अगले हफ्ते जम्मू-कश्मीर जाने चाला है।

अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद पहला चुनाव
2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नाम से दो केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया था। अगर विधानसभा चुनाव कराए जाते हैं तो अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद पहला चुनाव होगा। परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई है। इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के लिए आरक्षित सीटें शामिल नहीं हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER