शशी कुमार केसवानी
नमस्कार दोस्तों, आइए आज बात करते हैं भारतीय फिल्म उद्योग ऐसी शख्सियत की जिसे बनना तो इंजीनियर था पर बन गया फिल्म डायरेक्टर। डायरेक्टर भी ऐसा बना कि राह चलते लड़के को सुपर स्टार बना दिया है। जी हां दोस्तों मैं बात कर रहा हूं जाने माने फिल्म डायरेक्टर लेख डंटन की, जिन्होंने सड़क से शाहरुख खान को उठाकर किंग खान बना दिया है। हालांकि लेख टंडन को फिल्मों में जोड़ने का मौका पृथ्वी राजकपूर की वजह से मिला था, लेकिन दुखद घटना यह रही की कि वे रणधीर कपूर को लेकर एक फिल्म बनाना चाहते थे, पर वह फिल्म पूरी न हो सकी। यही कारण रहा कि दोनों परिवारों के बीच मनमुटाव कभी खत्म न हो सका। अचानक पृथ्वी राजकपूर की मृत्यु, बाद में राजकपूर और शमी कपूर की मौत के बाद कोई सुलह सफाई का रास्ता ही खत्म हो गया था। हालांकि बाद में लेख टंडन भी नहीं रहे। पर मनमुटाव रह गया। यह बात अलग है कि लेख टंडन ने जो भी काम किया वह बेमिसाल रहा। उनकी कई फिल्मों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जएगा। तो आईए आज लेख टंडन के कुछ अनछुए पहलुओं पर बात करते हैं…
लेख टंडन का जन्म 13 फरवरी 1929 में हुआ था। वह एक भारतीय फिल्म निर्माता और अभिनेता थे। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों और भारतीय टीवी धारावाहिकों का निर्देशन किया था। उन्होंने अपने निर्देशन में बनी फिल्मों प्रोफेसर (1962 फिल्म) , प्रिंस (1969 फिल्म) , एक बार कहो और अगर तुम ना होते की सफलता के कारण राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त की । उनकी वैजंतीमाला अभिनीत आम्रपाली और राजेश खन्ना की मुख्य भूमिका वाली अगर तुम ना होते को क्लासिक्स माना जाता है। बाद में 2000 के बाद, उन्होंने स्वदेस , रंग दे बसंती , चेन्नई एक्सप्रेस और चारफुटिया छोकरे जैसी फिल्मों में अभिनय किया । वह उर्दू नाटककार योगराज टंडन के भाई थे। लेख के पिता फकीर चंद टंडन ने पृथ्वीराज कपूर के साथ खालसा हाई स्कूल ( लायलपुर , पंजाब, ब्रिटिश भारत ) में पढ़ाई की थी और वे दोस्त थे। कपूर ने ही लेख को बॉलीवुड में काम करने के लिए प्रेरित किया। लगभग उसी समय, लेख के भाई योगराज कपूर के सहायक निदेशक और सचिव के रूप में काम कर रहे थे। लेख ने 1950 के दशक में हिंदी फिल्म उद्योग में सहायक निर्देशक के रूप में शुरूआत की और प्रोफेसर (1962 फिल्म) से शुरूआत करके कई हिट फिल्मों के निर्देशक बने । हालांकि राजेंद्र कुमार और सायरा बानो अभिनीत प्रतिष्ठित फिल्म झुक गया आसमान बॉक्स आॅफिस पर सफल नहीं हुई, लेकिन उन्हें क्लासिक्स माना जाता है। बॉक्स आॅफिस पर उनके सफल निर्देशन में प्रिंस (1969 फिल्म) , एक बार कहो , अगर तुम ना होते शामिल हैं । उनकी सबसे चर्चित फिल्म अगर तुम ना होते है जिसमें राजेश खन्ना मुख्य भूमिका में थे। दुल्हन वही जो पिया मन भाये उनकी सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक थी और फिल्म की नायिका रामेश्वरी ने बताया कि टंडन फिल्म के हर पहलू में शामिल थे।
उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म बिना किसी प्रचार के रिलीज हुई थी. अभिनेता विक्टर बनर्जी , जिन्होंने उनकी फिल्म दूसरी दुल्हन में मुख्य भूमिका निभाई, ने उन्हें एक ऐसे निर्देशक के रूप में वर्णित किया, जो “अपनी कला से प्यार करते थे और शालीनता से बताई गई कहानी में व्यावसायिक कोण को चतुराई से बुन सकते थे। इस फिल्म के लिए खन्ना को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला और टंडन को 1983 में फिल्मफैंस एसोसिएशन अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। फिर वह नवजात टीवी परिदृश्य में चले गए और टीवी धारावाहिकों का निर्देशन करना शुरू कर दिया। उनकी पहली पेशकश भारत के राष्ट्रीय टेलीविजन चैनल दूरदर्शन पर फिर वही तलाश थी । लेख को अपने टीवी धारावाहिक 2दिल दरिया में शाहरुख खान को कास्ट करके उनकी खोज करने का श्रेय दिया जाता है । लेख ने लंकेश भारद्वाज की भी खोज की और उन्हें वर्ष 2001 में उनके साथ लेखन में सहायक के रूप में नियुक्त किया और उन्हें एक आंगन हो गए दो में एक अभिनेता के रूप में मौका दिया । उन्होंने 1990 के दशक की शुरूआत में दूरदर्शन पर प्रसारित टीवी धारावाहिक फरमान का भी निर्देशन किया।
लेखनी में खूब माहिर थे लेख टंडन
एक बातचीत के दौरान लेख टंडन ने हमें बताया था कि ‘अस्सी के दशक में मैं दिल्ली में टीवी सीरियल शूट कर रहा था। एक दिन एक जवान लड़का सेट पर किसी को छोड़ने आया। उसके लंबे-लंबे बाल थे। मैंने उसे रोका और पूछा कि मेरे साथ काम करोगे पर बाल काटने होंगे।’ ‘लड़के ने पूछा अगर मैं बाल कटवा लूं और आपने काम भी नहीं दिया तो? मैंने कहा बाल काटवाओ, काम मिलेगा। वो बाल कटवाकर आया पर मैंने कहा कि इतने से नहीं चलेगा। और काटने पड़ेंगे। वो मान गया और मेरे टीवी सीरियल दिल दरिया में काम करने लगा।’ उन्होंने में आगे बताया कि ‘शाहरुख ने सीरियल में बहुत अच्छा काम किया। मैंने एक और सीरियल में उसका नाम आगे बढ़ाया -फौजी। फौजी टीवी पर पहले टेलीकास्ट हुआ। कुछ साल बाद वो अपने मेहनत के बूते फिल्मों तक पहुंच गए।’ कुंदन शाह और सईद मिर्जा समेत लेख टंडन उन जौहरियों में से थे, जिन्होंने शाहरुख को उस समय तलाशा और तराशा, जब उन्हें कोई नहीं जानता था। लाहौर में रहने वाले लेख टंडन का परिवार कपूर खानदान से काफी करीब था। लेख टंडन ने यूं तो सिविल इंजीनियर बनने के लिए इम्तिहान पास कर लिया था लेकिन उनका मन मुंबई आकर फिल्में करने का ही था। इसलिए जानबूझकर उन्होंने प्रवेश परीक्षा का एक पेपर दिया ही नहीं था।
लेख टंडन 60 के दशक से लेकर नई सदी तक फिल्मों में कई पड़ावों के गवाह रहे हैं। 60 के दशक में जहां उन्होंने शम्मी कपूर के साथ प्रोफेसर और प्रिंस जैसी कॉमर्शियल हिट फिल्में बनाई तो वैजयंतीमाला के साथ आम्रपाली जैसी फिल्म पर भी काम किया। 70 के दशक में उन्होंने राजेश खन्ना को ‘अगर तुम न होते’ के जरिए उस समय हिट फिल्म दी जब राजेश खन्ना का सुपरस्टार वाला दौर खत्म हो रहा था। लेखनी में भी लेख टंडन खूब माहिर थे। वो फिल्मों और टीवी की कहानियां भी लिखते थे। ‘दुल्हन वही जो पिया मन भाए’ के स्क्रीनप्ले के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। 80 के दशक में लेख टंडन ने दर्शकों को फरमान, फिर वही तलाश जैसे सीरियल दिए और दूसरा केवल भी जिसमें दोबारा शाहरुख ने काम किया। शाहरुख और लेख टंडन के बीच गुरु-शिष्य का बेहतरीन रिश्ता बरसों तक बना रहा। शाहरुख की कई फिल्मों में उन्होंने एक्टिंग भी की जैसे स्वदेश और चेन्नई एक्प्रेस।
शाहरुख ने छोड़ दी थी फिल्म की शूटिंग
लेख टंडन ऐसी शख्सियत रहे हैं जिन्होंने शम्मी कपूर, सुनील दत्त, राजेंद्र कुमार, राजेश खन्ना, विनोद खन्ना जैसे सितारों को लेकर फिल्में बनाईं। लेख टंडन ने शाहरुख खान और जूही चावला को लेकर साल 1993 में एक फिल्म ‘बड़ा आदमी’ भी शुरू की थी लेकिन फिल्म बन नहीं सकी। लेख टंडन का जन्म लाहौर,पंजाब में हुआ। 15 अक्तूबर 2017 को 88 वर्ष की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई। मृत्यु से पहले लेख टंडन ने तीन तलाक पर आधरित फिल्म ‘फिर उसी मोड़ पर’ का निर्देशन किया था। यह फिल्म उनकी मृत्यु के बाद 24 फरवरी 2018 को रिलीज हुई। ‘फिर उसी मोड़ पर’ की मुंबई के चांदीवली स्टूडियो में शूटिंग के दौरान लेख टंडन से आखिरी बार हुई बातचीत के दौरान उन्होंने बताया था कि वह शाहरुख खान को लेकर साल 1993 में एक फिल्म ‘बड़ा आदमी’ बना रहे थे जिसके प्रोड्यूसर प्रेम लालवानी थे। शूटिंग के दौरान जूही चावला को कुछ समस्या हुई और शाहरुख खान ने फिल्म छोड़ दी और वह फिल्म ठंडे बस्ते में चली गई। लेख टंडन शाहरुख खान की फिल्म ‘स्वदेस’, ‘पहेली’ और ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में अभिनय कर चुके हैं। लेख टंडन ने बताया था कि शाहरुख खान ने भले ही उनकी फिल्म में काम नहीं किया लेकिन शाहरुख खान की वजह से ही वह अभिनेता बने। लेख टंडन शाहरुख खान का शुक्रगुजार मानते थे कि शाहरुख खान की वजह से वह अभिनेता बने। दिलचस्प बात यह भी रही कि लेख टंडन ने ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ को छोड़कर शाहरुख खान की किसी भी फिल्म में काम करने के बदले पैसे नहीं लिए। वह ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के लिए भी पैसे नहीं ले रहे थे लेकिन शाहरुख खान ने एक छोटी सी भूमिका के लिए उन्हें 11 लाख रुपये भिजवा दिए थे।
पृथ्वी को बिना राजकपूर लेख को लेकर गए थे केदारनाथ के पास
शायद यह बात बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि राजकपूर अपने पिता को बताए लेख को अपने गुरु केदारनाथ शर्मा के पास असिस्टेंट डायरेक्टर के लिए ले गए। पर उस समय केदारनाथ ने मना कर दिया कि पांच असिस्टेंट मेरे पास पहले से ही हैं और क्या करूंगा। पर राजकपूर की गुजारिश के बाद उन्होंने कहा अभी रुक जा आगे देखूंगा। राजकपूर और लेख टंडन की दोस्ती की मिशाल उस समय दी जाती थी। दोनों अक्सर साथ में हर समय नजर आते थे। सुबह के नाश्ते से लेकर रात की महफिल तक दोनों एक दूसरे का पूरा साथ निभाते थे।
किंग खान के बाल कटवा दिए थे लेख ने, राजेश को भी दिया था सहारा
लेख टंडन ऐसे फिल्ममेकर थे जिसने बॉलीवुड की कई मूवीज और टीवी सीरियल्स बनाए। 13 फरवरी 1929 में जन्में लेख टंडन ने शाहरुख खान को पहली बार काम देकर एक्टिंग की दुनिया में एंट्री करवाई थी। पाकिस्तान के शेखपुरा में जन्में लेख की फैमिली कपूर खानदान के काफी करीब थे। प्रोफेसर, प्रिंस, एक बार कहो, अगर तुम ना होते जैसी फिल्मों के डायरेक्टर ने फरमान, फिर वही तलाश, दूसरा केवल जैसे टीवी धारावाहिक भी बनाए। लाइम लाइट से दूर रहने वाले लेख ने फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों की मदद की थी, जिसमे सुपरस्टार राजेश खन्ना भी थे।
लेख टंडन उन जौहरियों में से थे जिसने शाहरुख खान को तब ब्रेक दिया जब उन्हें कोई जानता नहीं था। इसके अलावा शाहरुख के एक्टिंग कौशल को तराशने में अहम भूमिका निभाई। शाहरुख खान आज अगर बॉलीवुड के सफल एक्टर हैं तो इसकी नीव में लेख जैसे निर्देशक हैं। लेख ने बताया था कि अस्सी के दशक की बात है मैं दिल्ली में एक टीवी सीरियल की शूटिंग कर रहा था। एक दिन एक यंग लड़का शूटिंग सेट पर किसी को छोड़ने आया। मैंने उसे देखा तो पूछा कि क्या मेरे साथ काम करोगे।
लेख टंडन ने कहा कि उस लड़के के बाल लंबे थे तो मैंने एक शर्त रख दी कि पहले बाल काटने होंगे। इस पर उस लड़के ने कहा कि मैं बाल कटवा लूं और आपने काम भी नहीं दिया तो ? मैंने कहा कि नहीं तुम बाल कटवा कर आओ, काम मिलेगा। वो लड़का अपने थोड़े से बाल कटवा कर आया। फिर मैंने कहा इतने से काम नहीं चलेगा और कटवाना पड़ेगा। वो मान गया और बाल कटवा कर आया फिर मैंने अपने टीवी सीरियल दिल दरिया में काम दिया, शाहरुख ने बहुत अच्छा काम किया। फिर मैंने उसके लिए फौजी सीरियल में काम के लिए रिकमंड किया। कुछ सालों बाद तो शाहरुख अपनी मेहनत और लगन की बदौलत फिल्मों में काम करने लगे। शाहरुख लेख को अपना गुरु मानते थे।