विधानसभा से शशी कुमार केसवानी की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा सोमवार को विधानसभा में अंतरिम बजट पेश किया। उन्होंने किसी नई योजना या टैक्स की घोषणा नहीं की है। यह अंतरिम बजट चार महीने के लिए लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 206 (1) के अंतर्गत अत्यावश्यक निरंतर व्यय के मदों के लिए नई सेवाएं या व्यय के नए मद/ शीर्ष सम्मिलित नहीं हैं। लेखानुदान का उद्देश्य “अंतिम आपूर्ति” की स्वीकृति होने तक सरकार के क्रियाकलाप को जारी रखना है। करारोपण संबंधी नए प्रस्ताव तथा व्यय के नवीन मद सम्मिलित नहीं किए गए हैं। द्वितीय अनुपूरक अनुमान में सम्मिलित नवीन योजनायें के लिए प्रावधान किए गए हैं। यह लेखानुदान चार माह (1 अप्रैल से 31 जुलाई 2024) हेतु लागू रहेगा। इसकी अवधि समाप्त होने के पूर्व अनुदान की पुनरीक्षित मांगे सदन के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। लेखानुदान से प्राप्त राशि मुख्य बजट में समाहित की जाएगी। 1.45 लाख करोड़ रुपये का लेखानुदान पेश किया गया है।
कांग्रेस विधायक ने ऊर्जा मंत्री को दी त्याग पत्र देने की चुनौती
विधानसभा का प्रश्नकाल खत्म होते ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान श्योपुर जिले के विजयपुर गांव में किसानों के खिलाफ बिजली चोरी के प्रकरणों का मुद्दा विधायक रामनिवास रावत ने उठाया। कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि किसानों के खिलाफ फर्जी तरीके से केस बनाए जा रहे हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने कहा कि किसी भी किसान के खिलाफ फर्जी चालान नहीं बनाया गया है। इस बात पर रावत भड़क गए। उन्होंने कहा कि मेरे साथ चलकर जांच करा लीजिए। यदि मैं गलत हुआ तो सदन से त्यागपत्र दे दूंगा।
प्रदेश में जल्द दूर होगी डॉक्टरों की कमी
बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा से कांग्रेस विधायक संजय उईके ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बैहर सिविल हॉस्पिटल में डॉक्टरों की कमी है। इस वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता। मेडिकल स्टाफ भी अपर्याप्त है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि विभाग जल्द ही डॉक्टरों की कमी दूर करेगा। इसके लिए पहले ही पीएससी को एक हजार डॉक्टरों की भर्ती करने को बोला गया है। आवश्यकतानुसार और भी डॉक्टरों की भर्ती की जाएगी। पूरे प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
अपने नेताओं को आयकर नोटिस देने पर बिफरी कांग्रेस
मध्य प्रदेश के करीब 50 नेताओं को नोटिस मिलने की खबर है। सभी नेताओं को 13 से 21 फरवरी के बीच दिल्ली तलब किया गया है। पिछले सात साल के लेन-देन को लेकर नोटिस जारी किया गया है। इस पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आज यह जानकारी क्यों मांगी जा रही है? पांच साल पहले यह जानकारी क्यों नहीं मांगी गई। यह दबाव बनाने की राजनीति हो रही है। कांग्रेस के नेताओं को सरकार ब्लैकमेल कर रही है। कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि भाजपा कितने भी नोटिस जारी कर लें, कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। दबाव बनाने के लिए यह राजनीति की जा रही है।