TIO, नई दिल्ली।
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता जयंत चौधरी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जाने की अटकलों के बीच रालोद की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पार्टी प्रवक्ता पवन आगरी ने भी बीजेपी के साथ गठबंधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी दल किसानों के हित में बात करेगा हम उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
हमने 12 सीटों पर की तैयारी
राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन आगरी ने कहा, ‘यह चुनावी साल है, कई पार्टियां हमारे साथ गठबंधन के लिए पेशकश कर रही हैं। हमारा राष्ट्रीय वजूद है और 9 विधायक हैं। निश्चित तौर पर कई दल हमसे गठबंधन के लिए आतुर हैं औ? बातचीत चल रही है। बीजेपी ने पिछली बार भी गठबंधन की पेशकश की थी, इस बार भी पेशकश की जा रही है। वे 4 सीटों की बात कर रहे हैं लेकिन हमने 12 लोकसभा सीटों पर तैयारी कर ली है। यह हम तय करेंगे कि किसके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेंगे।
पवन आगरी ने आगे कहा, ‘जो पार्टी जनता और किसानों के हित में होगी और हमारी मांगों पर सहमत होगी हम उनके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे।’ हमारी तो यही है कि जो हमारा वजूद है और जिनके लिए हमने संघर्ष किया है चाहे वो कामगार हैं, हमारे युवा लोग हैं या बेरोजगार लोग हैं।। ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर हमने अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी किया था और जो भी उन मांगों पर सहमत होगा, हम उनके साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।’
सपा बोली- बीजेपी फैला रही है भ्रम
इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने इसे भाजपा की ओर से फैलाया गया भ्रम करार देते हुए कहा कि कि चौधरी ह्यइंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंसह्ण (इंडिया) का हिस्सा बने रहेंगे।उन्होंने कहा, ‘हम जयंत को जानते हैं। वह धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति हैं। वह ह्यइंडियाह्ण गठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे और भाजपा को हराएंगे।’ वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश की ह्यखुशहालीह्ण के लिए चल रहे संघर्ष को कमजोर नहीं करेंगे।
ऐसी भी चर्चा है कि अगर बीजेपी और आरएलडी के बीच सहमति बनती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैली में शामिल हो सकते हैं। हाल के दिनों में चौधरी की संसद से अनुपस्थिति को सत्तारूढ़ दल के साथ हाथ मिलाने की ओर उनके झुकाव का संकेत माना जा रहा है। इसके अतिरिक्त, एसपी-आरएलडी गठबंधन के भीतर सीट आवंटन को लेकर स्पष्टता की कमी के कारण कथित तौर पर जयंत चौधरी और अखिलेश यादव के रिश्ते में तनाव आ गया है।
रालोद के हैं 9 विधायक
ऐसी अटकलें हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने पर रालोद भाजपा की अगुवाई वाले राजग में शामिल हो सकता है। हालांकि रालोद नेता जयंत चौधरी ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है। जाट मतदाता परम्परागत रूप से रालोद का मुख्य वोट बैंक रहे हैं। जाट बहुल लोकसभा क्षेत्रों में मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, मथुरा, बागपत, अमरोहा और मेरठ शामिल हैं, जिन पर रालोद के चुनाव लड़ने की संभावना है। दोनों दलों ने वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ा था तब सपा ने 111 सीटें जीती थीं, जबकि रालोद को 9 सीटें मिली थीं।