TIO, भोपाल।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार के स्कूलों की स्थिति को लेकर सवाल खड़े किए है। पटवारी ने कहा कि 10 साल में स्कूली शिक्षा पर दो लाख करोड़ रुपए खर्च हो गए। इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ने के बजाए घट गई। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मध्यप्रदेश में पिछले 10 साल में स्कूली शिक्षा पर 1.50 से 2 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। बावजूद इसके इस दौरान सरकारी स्कूलों में 39 लाख और निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हो गए हैं। स्कूल शिक्षा में 2022-23 में 27 हजार करोड़ रुपए का बजट प्रावधान था! इसमें से 15205 करोड़ खर्च हुए। 2010-11 में सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 1 करोड़ 5 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 66.23 लाख रह गई! क्यों?

पटवारी ने आगे लिखा कि इस अवधि में निजी स्कूलों में 48.49 लाख बच्चे थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 48.29 लाख रह गई, इस तरह निजी स्कूलों में 65 हजार बच्चे कम हुए। क्या @बीजेपी4मप्र सरकार मौजूदा स्थिति जनता के सामने रखेगी? ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 2020-21 में जहां पहली से 8वीं वाले 1.17 करोड़ बच्चे थे, ये 2021-22 में 1.15 करोड़ ही बचे! यह गिरावट भी तब है जब प्रदेश में 370 सीएम राइस स्कूल खोले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई। उन्होंने आगे लिखा कि हालांकि उल्लेख की गई अवधि में सरकारी दावों के हिसाब से प्रदेश के 1.25 लाख स्कूलों में छात्रों की संख्या 1 करोड़ 60 लाख बताई गई। इसमें सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चे शामिल हैं। लेकिन, यह आंकड़ा सरकारी दावों की तरह ही ‘संदिग्ध’ लगता है।

पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को संबोधित करते हुए लिखा कि जनता को उम्मीद है उच्च शिक्षामंत्री के रूप में आपका अनुभव स्कूल शिक्षा को भी मिलेगा। लेकिन, आंकड़े गहरी/गंभीर निराशा पैदा कर रहे हैं! यह बताने और दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि स्कूल शिक्षा समाज व भविष्य की बुनियाद होती है! यदि यही संकट में आ गई तो सरकार की उपस्थिति/उपयोगिता क्या होगी?

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER