वॉशिंगटन। एलन मस्क ने एलान किया है कि इंसानी दिमाग में चिप लगाने का पहला परीक्षण सफल रहा है। एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने यह सफलता हासिल की है। मस्क ने कहा है कि जिस व्यक्ति के दिमाग में चिप लगाई गई है, उसकी सेहत में सुधार हो रहा है। मस्क ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर यह जानकारी दी।

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से बीते साल मिली थी मंजूरी
न्यूरालिंक को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बीते साल मई में ही इंसानी दिमाग में चिप लगाने की मंजूरी दी थी। एलन मस्क ने कहा कि शुरूआती नतीजे काफी उत्साहजनक हैं। न्यूरालिंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इंडीपेंडेंट इंस्टीट्यूशनल रिव्यू बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है। मेडिकल डिवाइस प्राइमका ट्रायल सफल रहा था, जिसमें वायरलेस ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस का परीक्षण किया गया था। इस परीक्षण का उद्देश्य इंसानी दिमाग में चिप लगाने की सेफ्टी का आकलन किया गया था।

क्या है न्यूरालिंक
न्यूरालिंक एक स्टार्टअप है, जिसकी शुरूआत मशहूर अरबपति एलन मस्क ने साल 2016 में कुछ वैज्ञानिकों और इंजीनियर्स के साथ मिलकर की थी। न्यूरालिंक ब्रेन चिप इंटरफेस बनाने का काम करती है, जिन्हें इंसानी खोपड़ी में इंप्लांट किया जा सकेगा। इन चिप की मदद से दिव्यांग लोग जो चल-फिर नहीं सकते या बात नहीं कर सकते या देख नहीं देख सकते, वे फिर से कुछ हद तक बेहतर जीवन जी सकेंगे। चिप की मदद से न्यूरल सिग्नल को कंप्यूटर या फोन जैसी डिवाइस पर ट्रांसमिट किया जा सकेगा। हालांकि मस्क की कंपनी को आलोचना भी झेलनी पड़ रही है। दरअसल कंपनी ने लैब में जानवरों पर पहले चिप लगाने के परीक्षण किए थे, जिसके लिए कंपनी की खूब आलोचना हुई थी।

साल 2022 में कंपनी को अमेरिका की केंद्रीय जांच का भी सामना करना पड़ा था। आरोप है कि कंपनी ने परीक्षण के दौरान 1500 जानवरों की जान ली, इनमें चूहे, बंदर, सुअर आदि शामिल हैं। हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को नकारा था।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER