वॉशिंगटन । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की पहले रेस जीत गए हैं। दरअसल 15 जनवरी को आयोवा प्रांत में रिपब्लिकन पार्टी की पहली कॉकस का आयोजन किया गया। इस कॉकस के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है। इस जीत ने उन अनुमानों को और मजबूत कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि जो बाइडन को एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की चुनौती का ही सामना करना पड़ेगा।
आयोवा कॉकस क्यों है अहम
आयोवा में 1600 से ज्यादा जगहों पर मतदान हुआ, जिनमें डोनाल्ड ट्रंप को विजेता घोषित किया गया। हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चला है कि डोनाल्ड ट्रंप का करीबी प्रतिद्वंदी कौन है। दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली या फ्लोरिडा के गवर्नर रोन देसांतिस के दूसरे स्थान पर होने का अनुमान जताया जा रहा है। आयोवा के बाद न्यू हैंपशायर, नेवादा और दक्षिण कैरोलिना में भी कॉकस का आयोजन किया जाएगा। हालांकि पहली कॉकस होने की वजह से आयोवा पर सभी की निगाहें थी, क्योंकि यहां से मिली जीत आगे की चुनौतियों के लिए उत्साह बढ़ाएगी। साथ ही इस जीत से यह भी साफ हो गया है कि रिपब्लिकन पार्टी के मतदाता अभी भी मजबूती से ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।
क्या है आयोवा कॉकस
अमेरिका में दो मुख्य पार्टियां डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन हैं। दोनों पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव से पहले देश के हर राज्य में पार्टी के उम्मीदवार के चयन के लिए पार्टी के भीतर मतदान कराती हैं। जिसे कॉकस कहा जाता है। सभी राज्यों के मतदान के बाद दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मतदान में विजयी उम्मीदवार को पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है।
रिपब्लिकन पार्टी के लिए पहली कॉकस आयोवा प्रांत में आयोजित कराई गई। इस कॉकस में लाइब्रेरी, स्कूल या खेल के मैदानों जैसी 1600 से ज्यादा जगहों पर रिपब्लकिन पार्टी के पंजीकृत समर्थक इकट्ठा हुए और उन्होंने एक गुप्त मतदान के लिए पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में से किसी एक का चयन किया। इसे ही आयोवा कॉरल कहा जा रहा है और इसमें डोनाल्ड ट्रंप ने अन्य उम्मीदवारों निक्की हेली, रोन देसांतिस और विवेक रामास्वामी की पीछे छोड़ते हुए जीत दर्ज की है। अब अलग-अलग तारीखों पर अन्य राज्यों में भी ऐसे ही कॉकस का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद जुलाई में आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के सम्मेलन में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का एलान किया जाएगा।