वॉशिंगटन। अमेरिकी सेना ने शनिवार की सुबह एक बार फिर से यमन के हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की। इससे पहले अमेरिका ने शुक्रवार को भी ब्रिटेन की सेना के साथ मिलकर यमन में कई जगहों पर हूती विद्रोहियों के खिलाफ भीषण हवाई हमले किए थे। शनिवार को हुआ हमला राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया।
अमेरिका ने 28 जगहों को बनाया निशाना
शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन के संयुक्त हमले में 28 स्थानों पर हूती विद्रोहियों के 60 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए गए थे। साथ ही अमेरिका ने अपने व्यापारिक जहाजों को कुछ दिनों तक लाल सागर से दूर रहने की सलाह दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हूतियों पर हवाई हमले की पुष्टि करते हुए ही कहा था कि अगर हूती विद्रोहियों ने व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना बंद नहीं किया तो उन पर फिर से निशाना बनाया जा सकता है। अमेरिका के हमलों के बाद पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है, जो पहले से ही इस्राइल हमास युद्ध की वजह से तनाव से जूझ रहा है।
हूती विद्रोहियों ने दी जवाबी कार्रवाई की चेतावनी
वहीं अमेरिका के हमलों के बाद हूती विद्रोहियों ने भी जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। हूती सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याहया सारी ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका को इन हमलों की सजा मिलेगी। अमेरिका का कहना है कि हवाई हमलों में हूती विद्रोहियों के उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जहां ज्यादा जनसंख्या नहीं थी और खासकर हूतियों के हथियारों, रडार और अहम ठिकानों पर हमले किए गए। इन हमलों में ज्यादा लोगों की मौत की आशंका नहीं है।
गौरतलब है कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही इस्राइल हमास युद्ध के बाद से लाल सागर से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को निशाना बना रहे थे। अमेरिकी नौसेना ने कई बार हूती विद्रोहियों के ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम किया था। हालांकि बार-बार चेतावनी के बावजूद हूती विद्रोहियों का जहाजों को निशाना बनाना जारी था। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट बाधित हो रहा था। यही वजह रही कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश ब्रिटेन ने शुक्रवार को यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर भारी गोलाबारी की।