TIO, श्योपुर।

कूनो सेंचुरी के भीतर बने बाड़े से बाहर निकाले गए चीते अग्नि और वायु ने बाहर निकलते ही ऐसी रफ्तार पकड़ी कि वह सेंचुरी की सरहद पार कर मानव बस्ती के करीब पहुंच गए। इनमें से एक चीता तो जिले और प्रदेश की सीमाएं लांघते हुए पड़ोसी राज्य राजस्थान तक पहुंच गया, जिसे ट्रेंकुलाइज कर वापस लाना पड़ा। चीतों के बार-बार सेंचुरी से बाहर चले जाने से अधिकारी भी परेशान हैं, उनके समझ नहीं आ रहा कि आखिर चीतों को कूनो का जंगल इतना ना पसंद क्यों हो रहा है जो वे बार बार सीमाएं लांघ कर भाग रहे हैं।

हाल ही में वन विभाग ने दो चीतों अग्नि और वायु को बड़े पिंजरे से खुले वन में छोड़ा था। खुले वन में छोड़े जाने के तत्काल बाद ही चीते कूनो की सीमा लांघ कर कूनो के बफर जोन शिवपुरी जिले के पोहरी के जंगल में पहुंच गए। यहां तक तो ठीक था, लेकिन एक चीता अग्नि कराहल से रीछि गांव के जंगलों से होता हुआ बड़ौदा की ओर पहुंच गया, जहां उसके मानव बस्ती में पहुंचने से हड़कंप मच गया। मानव जाति से चीते को और चीते से मानव जाति को खतरा बराबर बना हुआ था, जिसके चलते चीते को वापस लाने की तैयारी की ही जा रही थी कि चीते की लोकेशन पड़ोसी राज्य राजस्थान के बांरा जिले के आसपास दिखी। यहां के जंगलों में चीते की लोकेशन मिलने से अधिकारियों के भी हाथ पांव फूल गए और वह आननकृफानन में मौके पर पहुंच कर बेहोश करने वाली गन से चीते पर निशाना साधकर उसे बेहोश कर सुरक्षित बाड़े में लाया गया।

पिछली बार भी सिर्फ महीने भर रह पाए थे बाहर
दक्षिण अफ्रीका का चीता जोड़ा अग्नि वायु आजादी का ज्यादा लाभ भी नहीं ले पाए हैं। फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से लाए गए इस चीता जोड़े को इससे पूर्व 19 मई को खुले जंगल में रिलीज किया गया था, लेकिन तब 27 जून को इनका गौरव शौर्य के साथ झगड़ा हो गया। इस टेरेटरी फाइट में अग्नि घायल हो गया था। जिसके बाद अग्नि और उसके साथ वायु को भी बाड़े में बंद करना पड़ा था।

8 माह कैद से आजाद हुआ पवन
पवन चीता को 8 माह तक बाड़े में कैद से आजादी मिली है। पवन को सेंचुरी प्रबंधन ने नामिंबिया से लाने के बाद 21 मार्च को बाड़े से खुले वन में छोड़ा था, लेकिन सेंचुरी की सीमा को लांघने की उसकी आदत से परेशान सेंचुरी प्रबंधन में उसे 25 अप्रैल को वापस बाड़े में बंद कर दिया, तब से वह बाड़े में ही था। हाल ही में उसे फिर नया गांव वन क्षेत्र के पीपलबाड़ी के जंगल में छोड़ा गया है, जिस पर अमला 24 घंटे नजर बनाए हुए है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER