भोपाल। लंबे इंतजार के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने 28 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मोहन कैबिनेट में करीब डेढ़ दर्जन ऐसे विधायकों को जगह मिली है, जो पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं। वहीं कुछ दिग्गज ऐसे भी रहे जो कैबिनेट में जगह बनाने में असफल रहे। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और 9 बार के विधायक गोपाल भार्गव का भी नाम शामिल हैं। मोहन कैबिनेट में जगह न मिलने पर भार्गव का का दर्द छलका है।
गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया (एक्स) पर नव नियुक्त मंत्रीगणों को बधाई देते हुए लिखा,.ह्वप्रदेश भर से मेरे समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ है कि आपको मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया? मैंने उनसे कहा 40 वर्षों के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी है उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं, इसलिए आज मंत्री परिषद् के गठन में पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जन विश्वास स्थायी है, इतने वर्षों तक मैंने अपने क्षेत्र और प्रदेश की जो सेवा की है वह मेरी पूंजी और धरोहर है।
सीएम पद की रेस में शामिल माने जा रहे थे भार्गव
भार्गव ने आगे लिखा राजनैतिक दलों के अपने अपने फॉमूर्ले हैं। सामाजिक, क्षेत्रीय कारण हैं जिनके आधार पर पद दिए जाते हैं, उसके भीतर जाने या जानने में मेरी कोई रूचि नहीं है, इसलिए मैं मौन हूं। खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा। बता दें कि गोपाल भार्गव विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम पद की रेस में भी शामिल माने जा रहे थे, उन्होंने 72 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था, जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें मोहन मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा।