उषा ठाकुर- महू से विधायक और शिवराज कैबिनेट में संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर की रिपोर्ट सर्वे में ठीक ठाक है। पार्टी उनको इंदौर-3 से चुनाव में उतार सकती है। ठाकुर इंदौर-3 से पहले भी विधायक रह चुकी हैं। हालांकि, पार्टी सभी पहलुओं को देखकर निर्णय लेने के लिए अभी टिकट होल्ड कर दिया है।
गौरी शंकर बिसेन- एक महीने पहले मंत्री पद की शपथ लेने वाले गौरी शंकर बिसेन को पार्टी दोबारा चुनाव में उतार सकती है। बालाघाट से विधायक बिसेन अपनी जगह अपनी बेटी मौसम बिसेन को टिकट देने की वकालत कर चुके हैं। चर्चा है कि पार्टी अब इसको लेकर विचार कर रही है।
इन मंत्रियों की स्थिति ठीक नहीं
इंदर सिंह परमार- शाजापुर जिले की शुजालपुर से विधायक और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार की क्षेत्र में स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व दोनों के सर्वे में परमार की रिपोर्ट ठीक नहीं है। ये नरेंद्र सिंह तोमर करीबी हैं। इनकी पुरानी सीट कालापीपल से लड़ाने की भी चर्चा है। यही वजह है कि उनके टिकट को होल्ड कर दिया गया है।
महेंद्र सिंह सिसोदिया- गुना के बमोरी से विधायक और पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया सर्वे रिपोर्ट में जनप्रतिनिधि की छवि वाले क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ रहे। वहीं, उनके खिलाफ शिकायतें भी मिली हैं। बता दें, सिसोदिया सिंधिया गुट के हैं। इनके टिकट को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया से दोबारा पूछा जा सकता है।
रामखेलावन पटेल- सतना के अमरपाटन से विधायक और पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल के लिए भी इस बार चुनौतीपूर्ण हालात हैं। उनका पुराजी की पिटाई का वीडियो वायरल होने पर भी विवाद में घिरी। सर्वे रिपोर्ट में उनके प्रतिकूल है।
बृजेंद्र सिंह यादव– अशोकनगर मुंगावली से विधायक और लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव की सर्वे रिपोर्ट में ठीक नहीं है। यहां से गुना सांसद केपी यादव को चुनाव लड़ाने की चर्चा है। हालांकि, यादव विधानसभा का चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं।
सुरेश धाकड़- शिवपुरी जिले के पोहरी से विधायक और लोक निर्माण विभाग के राज्य मंत्री सुरेश धाकड़ को भी चुनौती है। सर्वे रिपोर्ट में उनको नुकसान हो रहा है।
ओपीएस भदौरिया- भिंड जिले के मेहंगाव से विधायक और नगरीय विकास एवं आवास के राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया के लिए भी हालात चुनौतीपूर्ण हैं।