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मध्यप्रदेश में मिशन 2023 के लिए भाजपा माइक्रो लेवल पर प्लानिंग कर रही है। मतदाता सूची के हर पेज के लिए बीजेपी देश भर में पन्ना प्रमुख नियुक्त कर रही है। मध्यप्रदेश में केन्द्रीय कार्यालय के इस टारगेट से एक कदम आगे अर्द्धपन्ना प्रमुख नियुक्त किए हैं। बूथ विस्तारक अभियान पार्ट-2 में प्रदेश भर में 11 लाख 38 हजार 720 अर्द्धपन्ना प्रमुख नियुक्त किए हैं। यानी मतदाता सूची के हर पन्ने पर दो अर्द्धपन्ना प्रमुख होंगे।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बताया कि भाजपा ने बूथ विस्तारक अभियान-2 के तहत प्रत्येक बूथ का डिजिटलाइजेशन कर बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए-2 के साथ बूथ समिति और अर्द्धपन्ना प्रमुख का गठन किया है। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत प्रदेश के कुल 64,100 बूथों में से 63,005 बूथों में बूथ अध्यक्ष, 61,407 में महामंत्री और 60,407 बीएलए-2 का गठन पूरा हो चुका है।

बूथ कमेटी भी ऑनलाइन
बीजेपी ने हर बूथ पर बूथ समिति का भी गठन किया है। बूथ समिति में 7 लाख 5 हजार 100 लोगों को शामिल करने का टारगेट तय किया गया था। बूथ समितियों में 9 लाख 7 हजार 530 कार्यकर्ताओं को डिजिटली ऑनलाइन दर्ज किया है।

11 लाख 38 हजार कार्यकर्ताओं की टीम वोटर लिस्ट के आधे पेज पर काम करेगी
बीजेपी वोटर लिस्ट के एक पेज (दोनों साइड) के 60 वोटर्स को तैनात कर उनके बीच काम करा रही है। इन कार्यकर्ताओं को बतौर पन्ना प्रमुख तैनात किया जा रहा है। मप्र में 9 लाख 62 हजार 111 पन्ना प्रमुख बनाए जाने थे। मप्र भाजपा ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अर्द्ध पन्ना प्रमुख (वोटर लिस्ट के पेज के एक तरफ के 30 वोटर्स का इंचार्ज) बना रही है। अब तक 11 लाख 38 हजार 720 अर्द्ध पन्ना प्रमुख डिजिटली गठित किए गए हैं।

बूथ सशक्तीकरण अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी ने दी बधाई
बूथ विस्तारक अभियान-2 में हुए काम पर बूथ सशक्तीकरण अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने भी ट्वीट कर कार्यकर्ताओं की तारीफ की है।

पिछले चुनावों के रिजल्ट के मुताबिक बन रही बूथ की कैटेगरी

बूथ कमेटियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने बूथ का पिछले दो विधानसभा चुनाव और एक लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर A-B-C की कैटेगिरी तय की जा रही हैं। पिछले चुनाव परिणाम के आधार पर बूथ को अपग्रेड करने में यानि वोट शेयर बढ़ाकर उसे सी से बी में बी से ए में अपने बूथ को ले जाने की प्लानिंग बनाने पर जोर दिया जा रहा है। जिस बूथ पर बीजेपी को 70 से 75 % तक वोट मिले थे, ऐसे बूथ को ए+ बूथ बनाया जाएगा।

सभी वर्गों से संपर्क

संगठन ने कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिए हैं कि वे अपने बूथ को सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी बनाएं यानि बूथ में जाति, बिरादरी, मत-पंथ के अनुसार रचना कर सहज संपर्क का प्रयास करें। उन्हें अलग-अलग कार्यक्रमों और अभियानों में जोड़ने की कोशिश करें। अपनी बूथ समिति, पन्ना समिति में महिलाओं की भागीदारी करके उन्हें एक्टिव रखने का प्रयास करें। बूथ समिति, पन्ना समिति के माध्यम से अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के सदस्यों को जोड़ने और सक्रिय बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे।

बूथ के रजिस्टर में अपडेट होगी पूरी जानकारी

प्रदेश कार्यालय द्वारा बूथ समिति की जरूरी जानकारी रखने के लिए रजिस्टर भेजा गया है। ये रजिस्टर बूथ पर रहेगा। इसकी एक कॉपी मंडल पर रहेगी। इस रजिस्टर को रेगुलर अपडेट करने और सुरक्षित रहने के निर्देश दिए हैं। बूथ समिति की बैठक करते वक्त कार्यवाही रजिस्टर पर बैठक के निर्णय लिखे जाएंगे। यही नहीं, बैठक में मौजूद कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर भी कराए जाएंगे। इस काम की जिम्मेदारी बूथ के अध्यक्ष, महामंत्री की होगी। नए मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने के लिए लगातार कार्यक्रम और अभियान चलाए जाएंगे।

दूसरे दलों के अच्छे वर्कर्स का माइंड मेकअप करें

अपने बूथ पर दूसरे दलों के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से संपर्क करके उन्हें बीजेपी से जोड़ने का प्रयास करने को कहा गया है। इसके साथ दूसरे दलों के अच्छे कार्यकर्ताओं को पार्टी से जुडने के लिए उनसे आग्रह पूर्वक प्रयास करने को कहा गया है।

महीने में एक बार घर-घर संपर्क अभियान

महीने में एक बार घर-घर संपर्क का अभियान बूथ टोली द्वारा चलाने को कहा है। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी को बढ़ावा देने के साथ ही उनका नेतृत्व करने को कहा है। इसके लिए बूथ स्तर के सभी सरकारी कर्मचारियों जैसे- पटवारी कोटवार आगनवाड़ी कार्यकर्ता आशा कार्यकर्ता ग्राम सेवक, स्वास्थ्य कर्मी स्कूल शिक्षक पंचायत सचिव आदि से संपर्क रखने के लिए कहा गया है।

वोटर लिस्ट पर भी नजर

बीजेपी ने बूथ लेवल वर्कर्स को ये निर्देश दिए हैं कि समय-समय पर वोटर लिस्ट पर नजर बनाए रखें। सही नाम जुड़वाना, गलत नाम हटवाने के काम भी बूथ के वर्कर्स करेंगे।बूथ के वोटर्स को भी चार कैटेगिरी में बांटा गया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER