TIO Raipur
छत्तीसगढ़ के रामानुजगंज से कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर मंगलवार रात से वायरल हो रहा है। जिसमें देख सकते हैं कि भीड़ के बीच विधायक ने बैंक कर्मचारी का कॉलर पकड़कर दो-तीन तमाचे जड़ दिए। इतने में मन नहीं भरा तो घूंसे भी चला दिए।
नाराजगी ऐसी कि सुरक्षाकर्मियों के रोकने पर भी नहीं रुके और पूरी भड़ास दो बैंककर्मियों पर निकली। जिन 2 कर्मचारियों पर हाथ उठाया है उनका नाम राजेश पाल और अरविंद सिंह है।
बैंक कर्मचारी जिला सहकारी बैंक रामानुजगंज में पदस्थ हैं। बताया जा रहा है कि किसानों के भुगतान की बात पर विधायक भड़के थे। अब विधायक की करतूत पर लोग सवाल उठा रहे हैं। पूरी घटना 3 अप्रैल की बताई जा रही है। अब कर्मचारी बृहस्पत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
स घटना से गुस्साए बैंक कर्मियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इस घटना के विरोध में अंबिकापुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने बैंक बंद रखने और सामूहिक छुट्टी लेकर हड़ताल कर दी है। 5-6 अप्रैल तक ये हड़ताल चलेगी। संगठन के अध्यक्ष आरके खरे ने कहा है कि सरकार की ओर से अगर विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई तो आगे कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इन कर्मचारियों के साथ मारपीट
कर्मचारी संगठन की ओर से कहा गया है कि विधायक ने सैकड़ों किसानों के सामने कर्मचारियों को गालियां दीं और पीट दिया। कर्मचारी संगठन ने सरगुजा के IG को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। दूसरी तरफ इस घटना के बाद से विधायक मीडिया से कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
केदार कश्यप बोले- गृहमंत्री इस्तीफा दें
BJP नेता केदार कश्यप का कहना है कि, बृहस्पति सिंह ने काफी संख्या में मौजूद किसानों के सामने जिस तरह से बैंककर्मियों की पिटाई की है, ये एक गंभीर अपराध है। प्रदेश सरकार को तत्काल अपने इस विधायक के खिलाफ पार्टी और विधानसभा से बर्खास्त करके गिरफ्तारी की कार्रवाई करनी चाहिए। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को बिगड़ती कानून-व्यवस्था के चलते इस्तीफा देना चाहिए।
केदार कश्यप के मुताबिक, यह पूरा मामला बैंक शाखा में बीते 3 अप्रैल को पैसे निकालने को लेकर हुए विवाद से जुड़ा है। उसी दौरान विधायक बृहस्पत सिंह ने केंद्रीय बैंक के कर्मी के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। कांग्रेस के जनप्रतिनिधि, कार्यकर्ता, नेता और उनके करीबी व परिजन छत्तीसगढ़ में अपराधों की कलंक-गाथा लिखते आ रहे हैं और कांग्रेस व प्रदेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण ने आपराधिक कृत्यों में संलग्न कांग्रेस के लोगों के सत्तावादी अहंकार का पोषण करने का काम किया है।