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भोपाल की आदमपुर स्थित कचरा खंती, लैंडफिल साइट में एक बार फिर से आग भड़क गई है। अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है कि यह करीब सात एकड़ में फैले कचरे के पहाड़ नुमा क्षेत्र अब आग की चपेट में है। हवाओं का बदलते रुख से चारों ओर लगातार आग बढ़ती जा रही है। हालात ऐसे है कि खंती से दो किलोमीटर दूर से ही धुंआ देखा जा सकता है। नगर निगम आठ फायर बिग्रेड की गाड़ियां आग बुझाने में प्रयास में जुटी हुई हैं। फिलहाल आग लगने के कारण को खुलासा नहीं हो सका है।
नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि आदमपुर खंती में दो दिन से आग सुलगने की सूचना मिली थी। तब से फायर बिग्रेड के अमला आग बुझाने की मशक्कत कर रहा है। फायर अधिकारी रामेश्वर नील के मुताबिक कचरे में ज्वलंतशील गैस का रिसाव हो रहा है। एक स्थान पर आग बुझाने के बाद दूसरे स्थान पर अचानक आग भट्टी की तरह सुलग रही है। लिहाजा पूरी खंती के कचरे को गीला करने के लिए दो गाड़ियों को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि बीते 48 घंटे से निरंतर आग को काबू करने का प्रयास जारी है।
गैस निकालने पोकलेन और जेसीबी से हो रही खुदाई
कचरा खंती में आग को काबू करने के लिए कचरे के पहाड़ों को खोदा जा रहा है। ताकि गैस बाहर निकाली जा सके। दरअसल, करोड़ों टन कचरे को दबाने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाता है। प्रेशर के कारण कचरा ठोस हो जाता है। कचरे के सड़न और केमिकल प्रोसेस होने के कारण गैस बनती है। जो आग को भड़काने का काम कर रही है। खुदाई के जरिए गैस निकासी का काम किया जा रहा है। आग बुझाने के काम में लगे अमले कर्मचारियों ने बताया कि इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो रहा है कि आखिर आग कहां अचानक भड़क सकती है। करीब हर 50 कदम पर आग भड़क रही है।
खंती के अंतिम छोर में हालात गंभीर
आदमपुर छावनी से खंती के अंतिम छोर में हालत सबसे ज्यादा गंभीर हैं। यहां कचरे के तीन पठार नुमा स्थानों पर आग लगी है। कचरा तो जलकर लगभग खाक हो चुका है। लेकिन गैस रिसाव के कारण आग बढ़ती जा रही है। यहां आग को काबू करने के लिए फायर टीम केमिकल का उपयोग भी कर रही है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम भी मौके पर
सोमवार को खंती का निरीक्षण भी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के विशेष दल ने किया। गैस समेत अन्य बिंदुओं पर जांच के लिए दल मौके पर पहुंचा था। दल ने निगम के अधिकारियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने का निर्देश दिया है। साथ ही धुएं को भी बेहद हानिकारक बताया है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड का दल आग लगने के कारणों पर प्रारंभिक रिपोर्ट भी जारी करेगा।
अत्यंत ज्वलनशील मीथेन गैस की आशंका
नगर निगम के साथ प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों का अनुमान है कि लैंडफिल साइट में यह गैस अत्यंत ज्वलनशील मीथेन गैस भारी मात्रा में है। मीथेन के साथ कार्बन डाइऑक्साइड गैस भी होती है। मीथेन सिर्फ पर्यावरण के लिए ही नहीं बल्कि लोगों को भी खतरनाक है। इससे दवा के मरीजों को अटैक आ सकता है। लगातार हवा में खुलने के कारण सांस लेने में मुश्किल भी पैदा करती है। यदि भारी तादात में एक निश्चित क्षेत्र में मीथेन का स्वतः भंडारण हो तो विस्फोट का खतरा भी होता है। भानपुर खंती में अकसर लगने वाली आग का कारण भी मीथेन गैस थी। इसके निकासी और भंडारण के लिए प्रोजेक्ट के तहत काम किया गया था।