TIO NEW DELHI
विपक्ष की नारेबाजी के बाद लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही लगातार 7वें दिन भी शुरू होते ही स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों की कार्यवाही अब दोबारा दोपहर 2 बजे शुरू होगी। सदन स्थगित करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दोपहर 1 बजे और राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने 11.30 बजे अपने-अपने चेम्बर में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई है।
कार्यवाही स्थगित होने के बाद सभी विपक्षी दलों ने संसद की पहली मंजिल पर प्रदर्शन किया। सभी सांसदों के हाथ में बैनर-पोस्टर था। वे अडाणी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इधर, ममता बनर्जी की पार्टी TMC के सांसदों ने कांग्रेस से अलग प्रदर्शन किया। वे अडाणी मुद्दे पर PM से चुप्पी तोड़ने की मांग कर रहे थे।
- संसद में चल रहे हंगामे के बीच एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टॉप मिनिस्टर्स के साथ बैठक की। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के नेताओं के साथ सरकार को घेरने की रणनीति पर मीटिंग की। विपक्ष की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, राजद, माकपा, भाकपा, राकांपा, शिवसेना (यूबीटी), जदयू, झामुमो, आईयूएमएल, आप, एमडीएमके शामिल हुए।
- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- आज राज्यसभा में विपक्ष के नेता खड़गे जी को सभापति ने बोलने की अनुमति दी थी। वह जैसे ही उठे, भाजपा सांसद नारे लगाने लगे। वो अपनी बात नहीं रख पाए। यदि मोदी सरकार इस तरह का व्यवहार करती है तो गतिरोध कैसे टूट सकता है।
खड़गे बोले- राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक बार फिर दोहराया कि लंदन के केंब्रिज यूनिवर्सिटी में दिए बयान पर राहुल गांधी संसद में माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम अडाणी मामले पर JPC से जांच की मांग बार-बार करेंगे जब तक हमें कोई जवाब नहीं मिलता। यह सिर्फ मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। हमारे दूतावासों पर हमले हो रहे हैं लेकिन सरकार इन हमलों की निंदा करने के लिए कुछ भी नहीं कह रहे और अब ‘देशभक्ति’ की बात कर रहे हैं।’राहुल ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी
अगर लोकसभा की कार्यवाही होती है तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज लोकसभा में लंदन में दिए भाषण पर सफाई दे सकते हैं। उन्होंने सोमवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा और सदन में बोलने की अनुमति मांगी है। उन्होंने अपील की है कि उन्हें ब्रिटेन में दिए गए बयान को लेकर सदन में अपनी बात रखने का मौका दिया जाए।