TIO, नई दिल्ली।
भारतीय रेलवे के पूर्व चेयरमैन और एयर इंडिया के पूर्व अध्यक्ष व मप्र टूरिज्म को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले अश्विनी लोहानी को प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय का निदेशक नियुक्त किया गया है। वह 1980 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस आॅफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग अधिकारी हैं। यह नियुक्ति पूर्व ऊर्जा सचिव संजीव नंदन सहाय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद की गई है। 4 जून 2025 को जारी सरकारी आदेश के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने लोहानी की नियुक्ति को तीन साल के लिए मंजूरी दी है। वह जल्द ही यह जिम्मेदारी संभालेंगे।
लोहानी मप्र टूरिज्स में उल्लेखनीय कार्य किए। साथ ही साथ एयर इंडिया को भी एक अलग पहचान देने की कोशिश की। लोहानी ने पहले दो बार एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्य किया और 2017 में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष रहे। सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद वे जीएमआर ग्रुप में मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में कार्यरत थे।
आईटीडीसी के चेयरमैन भी रहे
लोहानी 2001 में वे भारत पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बने। 2004 में उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम में आयुक्त और प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया, जो तीन अलग-अलग कार्यकालों में लगभग छह साल तक चला। इन दोनों संगठनों को मजबूत करने में उनकी भूमिका को सराहा गया। उनकी इंजीनियरिंग और नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें पीएमएमएल जैसे महत्वपूर्ण संस्थान का निदेशक चुना गया है।
प्रधानमंत्रियों की विरासत को प्रदर्शित करने वाला संग्रहालय
प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की विरासत को प्रदर्शित करने वाला एक अनूठा संस्थान है। यह देश के इतिहास, नेतृत्व और विकास की कहानी को संरक्षित करता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने ढटटछ की सोसाइटी और कार्यकारी परिषद का पुनर्गठन किया। पहले 29 सदस्यों वाली परिषद में अब 34 सदस्य शामिल किए गए हैं। पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को पांच साल के लिए फिर से परिषद का अध्यक्ष बनाया गया है।
प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम
लोहानी की नियुक्ति से पीएमएमएल को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। उनका अनुभव और नेतृत्व इस संग्रहालय को और आकर्षक और प्रेरणादायक बनाने में मदद करेगा। यह संस्थान भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।