TIO, न्यूयॉर्क

अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान उस वक्त हंसने-मुस्कुराने वाला दृश्य सामने आया, जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि उनसे सवाल पूछने वाला व्यक्ति उनका बेटा ईशान थरूर है। उन्होंने बड़ी मुस्कान के साथ कहा कि इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। थरूर ऑपरेशन सिंदूर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद और दुष्प्रचार से निपटने के लिए भारत की ओर से शुरू किया गया कूटनीतिक प्रयास है।

न्यूयॉर्क में प्रेस कॉन्फ्रेंस में थरूर के बेटे ने पूछा कि क्या किसी देश ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को लेकर सबूत मांगा? थरूर ने कहा कि मुझे खुशी है कि आपने यह मुद्दा उठाया। मैं वादा करता हूं कि मैंने यह सवाल प्लांट नहीं किया। साधारण सी बात है, किसी को इसे लेकर कोई शक ही नहीं था। इसलिए किसी ने सबूत नहीं मांगा। फिर भी मैं, यह स्पष्ट कर दूं कि भारत ने कोई भी कदम बिना सबूत के नहीं उठाया है।

जूनियर थरूर का सवाल
जूनियर थरूर ने कहा कि निश्चित रूप से मैं व्यक्तिगत हैसियत से सवाल पूछ रहा हूं। अपने अगले कार्यक्रम पर जाने से पहले आपको नमस्ते कहने के लिए भी मैं खड़ा हुआ हूं। बेटे ने अपने पिता से पूछा कि चूंकि वे भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत कई देशों का दौरा कर रहे हैं, क्या आपके किसी वार्ताकार ने आपसे पाकिस्तान के खिलाफ सबूत दिखाने के लिए कहा है?

शशि थरूर का जवाब
शशि थरूर ने जवाब से पहले कहा,, ‘मुझे बहुत खुशी है कि आपने यह मुद्दा उठाया, इशान। मैंने इससे यह पूछने को नहीं कहा था, मैं आपसे स्पष्ट कर देना चाहता हूं। यह अपने पिता के साथ ऐसा करता है।’ आगे उन्होंने जवाब दिया, ‘बहुत सरलता से किसी को कोई संदेह नहीं था और हमसे सबूत नहीं मांगे गए थे। मीडिया ने दो या तीन जगहों पर पूछा है। मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि भारत ने बिना पुख्ता सबूत के ऐसा नहीं किया होगा।’ कांग्रेस सांसद ने अपने अमेरिकी श्रोताओं को याद दिलाया कि ओसामा बिन लादेन एक आर्मी कैंप के पास एक पाकिस्तानी सुरक्षित घर में पाया गया था।

ओसामा बिन लादेन का जिक्र
उन्होंने कहा कि कुछ खास वजहें हैं, जिनकी ओर मैं आप सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। पहली वजह यह है कि पाकिस्तान की ओर से लगातार आतंकी हमलों का 37 साल का सिलसिला जारी है, जिसके साथ-साथ बार-बार इनकार भी किया जाता रहा है। मेरा मतलब है कि अमेरिकी यह नहीं भूले हैं कि पाकिस्तान को कथित तौर पर यह नहीं पता था कि ओसामा बिन लादेन कहां है, जब तक कि उसे एक छावनी शहर में आर्मी कैंप के ठीक बगल में एक पाकिस्तानी सुरक्षित घर में नहीं पाया गया। वह पाकिस्तान है। मुंबई हमले- उन्होंने इससे कोई लेना-देना होने से इनकार किया, इसलिए हम जानते हैं कि पाकिस्तान क्या करता है। वे आतंकवादियों को भेजेंगे, वे तब तक इनकार करेंगे, जब तक कि वे वास्तव में रंगे हाथों पकड़े नहीं जाते।

डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने क्या कहा?
पाकिस्तान से युद्धविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दो टूक कहा कि भारत को किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मध्यस्थता जैसी बात को हम तवज्जो देने में दिलचस्पी नहीं रखते, क्योंकि इसके जरिये आप दो पक्षों में ऐसी बराबरी की बात करते हैं, जो दरअसल है ही नहीं। आतंकवाद और उसके पीड़ितों में कोई बराबरी नहीं हो सकती। एक ऐसा देश जो आतंकवाद को सुरक्षित पनाह देता हो और एक ऐसा देश जहां बहुदलीय लोकतंत्र फलफूल रहा है, इन दोनों में बराबरी नहीं हो सकती।’

पाकिस्तान की पोल खोलने भारतीय सांसदों के दल के साथ वाशिंगटन डीसी पहुंचे थरूर ने युद्धविराम में ट्रंप की भूमिका को लेकर पूछे सवाल के जवाब में कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति का सम्मान है, लेकिन नई दिल्ली ने कभी नहीं चाहा कि वह किसी को मध्यस्थता करने के लिए कहे। हमें नहीं पता, उन्होंने पाकिस्तान से क्या कहा, पर हमें किसी की सलाह की जरूरत नहीं थी। थरूर ने कहा, हमने पहले ही कहा था कि पाकिस्तानियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने में कोई दिक्कत नहीं थी। जब तक वे आतंकवाद की भाषा का इस्तेमाल करते रहेंगे, हम बल की भाषा का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है।

‘देशहित का काम पार्टी विरोधी लगता है, तो खुद से करें सवाल’
पहलगाम हमले के बाद सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए अपनी ही पार्टी के निशाने पर आए थरूर ने कहा, जो लोग देशहित में काम करने को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए। राजनीतिक मतभेद सीमापार जाते ही खत्म हो जाते हैं। तब हम पहले भारतीय होते हैं। थरूर पर कुछ कांग्रेसी नेताओं ने हमला बोला है। उदित राज ने तो उन्हें भाजपा का सुपर प्रवक्ता तक बताया है।

कांग्रेस छोड़ने की अटकलों पर… जब वक्त आएगा, तब इससे निपट लेंगे
मुझे लगता है कि इस समय हम यहां मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमें इस बात पर ज्यादा वक्त बर्बाद करने की जरूरत नहीं है कि क्या कहा गया और क्या नहीं? जब वक्त आएगा, तो हम इससे निपट लेंगे।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER