TIO, नई दिल्ली
यूक्रेन ने ऑपरेशन स्पाइडर वेब के जरिए ड्रोन हमला कर रूस को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। ये नुकसान इतना बड़ा है कि इससे रूसी वायुसेना की ताकत आधी रह गई है और लंबी दूरी में जाकर हमला करने की रूस की ताकत बुरी तरह प्रभावित हुई है क्योंकि ड्रोन हमले में सबसे ज्यादा रूस के लंबी दूरी के बॉम्बर विमानों का नुकसान हुआ है। यूक्रेन ने स्पाइडर वेब हमले के जरिए न सिर्फ रूस बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया है। स्पाइडर वेब हमले का असर इतना बड़ा है कि रक्षा विशेषज्ञ इससे भविष्य की लड़ाईयां बदलने का दावा कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि यूक्रेन के ड्रोन हमले का दुनिया पर क्या असर होगा।
ड्रोन युद्ध, भविष्य की लड़ाइयों का केंद्र होंगे
ड्रोन अब सिर्फ एक हथियार नहीं रह गए हैं बल्कि ये अपने आप में एक बड़ी ताकत बन चुके हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध ने यह साबित कर दिया है कि भविष्य की लड़ाइयों में ड्रोन्स केंद्रीय भूमिका में होंगे और जो देश ड्रोन्स के मामले में बेहतर होगा, लड़ाई में पलड़ा उसी का भारी होगा। दुश्मन के क्षेत्र में हजारों किलोमीटर भीतर जाकर रणनीतिक रूप से अहम ठिकानों को निशाना बनाना और वो भी बिना अपना एक जवान खोए, यह अब सिर्फ कल्पना नहीं रह गई है बल्कि ड्रोन्स ने इसे हकीकत कर दिया है।
अनमैन्ड ड्रोन्स के विकास में आएगी तेजी
दुनियाभर के देश अपनी सेना की मजबूती के लिए लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टर और एयर ट्रांसपोर्ट में भारी निवेश करते हैं, लेकिन यूक्रेन के स्पाइडर वेब हमले ने बता दिया है कि भविष्य में किसी भी देश की हवाई ताकत उसके अनमैन्ड ड्रोन्स, एआई आधारित ड्रोन्स और लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन्स के आधार पर मापी जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने भी ड्रोन्स की अहमियत को जाना है और अब सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि स्वदेशी ड्रोन विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जाने की जरूरत है।
ड्रोन हमले से दुश्मन देश में गहरे घुसकर हमला करना हुआ संभव
अभी की लड़ाई में आमतौर पर सीमा पर मौजूद रणनीतिक ठिकाने ही दुश्मन के निशाने पर रहते हैं, उसके लिए भी एयर डिफेंस को भेदना होता है, लेकिन अब ड्रोन्स की मदद से दुश्मन देश में हजारों किलोमीटर घुसकर उसके रणनीतिक ठिकानों को तबाह करना भी संभव हो गया है। यूक्रेन ने अपने स्पाइडर वेब ड्रोन हमले से इस बात को साबित कर दिया है।
ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने दिखाया सस्ते ड्रोन्स महंगे सैन्य प्लेटफॉर्म को कर सकते हैं तबाह
यूक्रेन के ड्रोन हमले ने दुनिया को दिखाया है कि सस्ते, सामान्य तकनीक, लेकिन रचनात्मक तरीके से लॉजिस्टिक और सटीकता से हमले कर भी दुश्मन के महंगे हथियारों और सैन्य मंचों को तबाह किया जा सकता है। इसने ड्रोन युद्ध को नई दिशा दी है। साथ ही इससे ये भी सीख मिली है कि अगर ड्रोन हमले को रोकने का डिफेंस मौजूद नहीं है तो महंगा एयर डिफेंस भी नकारा साबित हो सकता है।
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