TIO, नई दिल्ली
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त अब आ चुका है. भारत पहले ही सिंधु जल समझौता सस्पेंड कर चुका है और अब चिनाब नदी पर बने बगलिहार और सलाल बांध के गेट बंद कर दिए गए हैं। इससे सिंधु नदी सिस्टम के तहत पाकिस्तान को जाने वाला चिनाब का पानी पूरी तरह से रुक चुका है और पड़ोसी मुल्क का गला सूखने लगा है।
चिनाब में सिर्फ 2 फीट पानी
बीते दिनों पहाड़ों पर लगातार बारिश के बाद ज्यादा पानी जमा हो गया। उस दौरान सालार डैम के कई गेटों को खोल दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी को पूरी तरह से रोक दिया है। वहीं, रामबन में बगलिहार बांध के गेट बंद होने के बाद चिनाब नदी का बहाव काफी कम हो गया है।
एक्सपर्ट का मानना है कि चिनाब का पानी कम होने से पाकिस्तान की कृषि और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, नदी का जलस्तर कभी 25-30 फीट तक पहुंच जाता था, अब मुश्किल से 2 फीट पानी के साथ बह रही है। अब पानी हटने के बाद पथरीली जमीन और नदी के रास्ते में रखे पत्थर साफ देखे जा सकते हैं।
पाकिस्तान में फसलें बर्बाद
‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की ओर से पाकिस्तान में दाखिल होने वाली चिनाब और अन्य नदियों के पानी को रोका जा रहा है। इसके बाद इस्लामाबाद की सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (कफरअ) सलाहकार समिति ने इसपर चिंता जताई है। आईआरएसए का कहना है कि इससे पाकिस्तान के शुरूआती खरीफ सीजन में 21 फीसदी पानी की कमी हो सकती है, जिससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
अगर भारत पश्चिम की ओर बहने वाली पाकिस्तान की नदियों पर अपना कंट्रोल मजबूत कर देता है और मौजूदा हालात बने रहते हैं, तो खरीफ सीजन के दौरान पाकिस्तान को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान अब पानी के सप्लाई को रोज मॉनिटर कर रहा है और अगर चिनाब के फ्लो में गिरावट जारी रहती है तो खरीफ सीजन के आखिर में पानी की कमी करीब 7 फीसदी रहने की उम्मीद है।
अब पानी छोड़ा तो आएगी बाढ़!
भारत की ओर से जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर बगलिहार और सलाल हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को सर्दियों के महीने में पाकिस्तान को जाने वाले पानी को स्टोर करने के लिए तत्काल तैयार कर रहा है। इसमें जलाशयों की फ्लशिंग और गाद निकालना भी शामिल है। आने वाले दिनों में भारत की आंतरिक जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए अन्य बांधों पर भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। भारत सिंधु जल संधि के सस्पेंड होने के बाद पाकिस्तान में सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों के प्रवाह को रोकने की तैयारी कर रहा है।
पाकिस्तान के सामने चुनौती सिर्फ पानी रोकने और फसल बर्बाद होने की नहीं है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत फिलहाल इस पानी से अपने हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और बांधों के लिए इस्तेमाल कर रहा है। साथ ही पाकिस्तान को डर है कि 4-5 दिन तक पानी को रोकने के बाद अगर भारत फिर से अचानक बिना किसी पूर्व चेतावनी के पानी छोड़ेगा तो नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है।
पिछले दिनों भी पाकिस्तान ऐसी ही बाढ़ का सामना कर चुका है, जब भारी बारिश की वजह से भारत ने सलाल बांध से पानी छोड़ा था। इसके बाद पाकिस्तान में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। बारिश के बाद चिनाब नदी का जलस्तर सामान्य से पांच से सात फीट ऊपर था, जिससे ढङ्मङ के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई थी। सुरकपुर, हेडमाराला, उड़ी, मारीखोखरा, बहलापुर और गंगवाल जैसे इलाकों में पाकिस्तान को अलर्ट जारी करना पड़ा था।