TIO, नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के तैमूर नगर इलाके में नाले के किनारे अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई करते हुए बुलडोजर एक्शन शुरू कर दिया है। इस दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। तैमूर नगर नाले के जीणोद्धार में ये अवैध अतिक्रमण बाधा बन रहे थे, जिन्हें अब ध्वस्त किया जा रहा है। डीडीए की टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मौके पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवानों को तैनात किया गया है।
जारी है बुलडोजर एक्शन
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिस तैमूर नगर के आईजी कैंप में आज अथॉरिटी का बुलडोजर चल रहा है, उस जगह पर साउथ ईस्ट जिला पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ तीन बार ड्राइव चलाई थी। यहां अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को दिल्ली में बसाने वाला मास्टरमांइड चांद मियां ने अपना ठिकाना बना रखा था। बुलडोजर एक्शन से पहले इंदिरा गांधी कैंप में अथॉरिटी के कर्मचारियों ने अवैध कंस्ट्रक्शन करने वाले लोगों को नोटिस भी दिया था। और दीवार पर जगह-जगह नोटिस चस्पा किया थे। अथॉरिटी के नोटिस के बाद कई लोगों ने अपने घरों को पहले ही खाली कर दिया है।
अथॉरिटी बनाएगी दीवार
अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि नाले की एक तरफ पूरे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के बाद, यहां फिर से अवैध निर्माण न हो। इसके लिए अथॉरिटी एक दीवार भी बनाएगी।
हाईकोर्ट ने दिया बुलडोजर एक्शन का आदेश
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में तैमूर नगर नाले के जीर्णोद्धार में बाधा डाल रहे अवैध रूप से निर्मित ढांचों को पांच मई से गिराना शुरू करें। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति मनमीत पी एस अरोड़ा की पीठ ने प्राधिकारियों को नाले से गाद निकालने और कचरा साफ करने का काम तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था। ऊऊअ की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता प्रभसहाय कौर ने कहा कि इलाके का संयुक्त निरीक्षण किया गया था और लगभग 100 निर्माण को ध्वस्त करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में नाले के ऊपर से दिल्ली जल बोर्ड की पाइपलाइन गुजर रही है, जिसे ध्वस्तीकरण के दौरान संरक्षित करने की आवश्यकता है। अदालत ने कहा, ‘निरीक्षण और सीमांकन की कार्रवाई 5 मई से शुरू की जाए। ये डीजेबी की जिम्मेदारी है कि वो पानी की पाइपलाइन की सुरक्षा उस तरीके से करे, जैसा वह उचित समझे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पाइप ध्वस्तीकरण के रास्ते में न आए।’
नाले में न गिरे मलबा: कोर्ट
कोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया गया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई इस प्रकार की जाए कि मलबा वापस नाले में न गिरे। पीठ ने कहा, ‘यदि तैमूर नगर नाले के संबंध में निवासियों द्वारा कोई रिट याचिका दायर की जाती है तो मामले को मुख्य न्यायाधीश के आदेश के अधीन सूचीबद्ध किया जाए।’ अदालत मानसून और अन्य समय में राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक जाम के अलावा जलभराव और वर्षा जल संचयन पर स्वप्रेरित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। वकीलों समेत कई दिल्ली निवासियों ने बारिश के बाद नालियों के जाम होने के कारण सड़कों, घरों और आॅफिसों में जलभराव होने का मुद्दा उठाया।