TIO, नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत के साथ टैरिफ पर बातचीत बहुत अच्छी चल रही है और उन्हें लगता है कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौता करेगा। ट्रंप ने दुनिया के देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की है जिसमें भारत भी शामिल है। ट्रंप ने भारत पर 26% टैरिफ की घोषणा की है जिसपर फिलहाल 90 दिनों की रोक है। टैरिफ की घोषणा से वैश्विक बाजार की तरह भारतीय बाजार में भी हलचल है और ऐसे में ट्रंप की भारत को लेकर टिप्पणी राहत देने वाली है।
व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हम भारत के साथ समझौता कर लेंगे। जैसा कि आप जानते हैं, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) तीन सप्ताह पहले यहां आए थे और वे समझौता करना चाहते हैं।’ पीएम मोदी ने फरवरी के अंत में अमेरिका का दौरा किया था जिस दौरान दोनों नेताओं के बीच व्यापार समझौते पर वार्ता हुई थी। राष्ट्रपति ट्रंप की यह टिप्पणी अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका भारत के साथ ‘व्यापार समझौते के बहुत करीब है।’
अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस पिछले हफ्ते भारत आए थे जिस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर बेसेन्ट ने कहा कि दोनों नेताओं ने व्यापार समझौते को लेकर बहुत अच्छी बातचीत की जिसके बाद हम भारत को लेकर कुछ घोषणा सुन सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत जैसे देश के पास टैरिफ की जानकारी पहले से ही मौजूद है, इसलिए उनके साथ बातचीत करना काफी आसान है।’ अगर भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौता हो जाता है तो भारत को टैरिफ में छूट मिलने की उम्मीद है।
टैरिफ कम होने से भारत को अमेरिका के अलावा भी होगा फायदा
शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल आॅफ बिजनेस में अर्थशास्त्री और फाइनेंस के प्रोफेसर रघुराम राजन ने अमेरिकी न्यूज आउटलेट सीएनबीसी से बात करते हुए कहा, ‘अगर भारत टैरिफ को बहुत कम स्तर पर लाने के लिए बातचीत कर सकता है, तो उसे बहुत फायदा होगा। इससे कई कंपनियां भारत को नए नजरिए से देख सकेंगी, खासकर भारत के बड़े घरेलू बाजार को देखते हुए।’ अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लटनिक ने भी संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इस समझौते की घोषणा से पहले अमेरिका भारत सरकार की तरफ से अंतिम स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। मंगलवार को सीएनबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘समझौते पर बात बन गई है लेकिन इसे स्वीकृति देने से पहले हमें उनके (भारत के) प्रधानमंत्री और संसद की स्वीकृति का इंतजार है।’
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के हिस्से के रूप में अमेरिका को ह्लफॉरवर्ड मोस्ट फेवर्ड नेशनह्व क्लॉज की पेशकश की है। इस मामले की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछली व्यापार वातार्ओं में यह क्लॉज नहीं दिया था। इस क्लॉज को समझौते में शामिल करने से यह समझौता भविष्य के लिए भी सुरक्षित हो गया है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि अमेरिका का कोई अन्य व्यापारिक साझेदार इससे बेहतर शर्तें नहीं रख सकेगा।
इसके अलावा, भारत ने कथित तौर पर व्यापार के मामले में अमेरिका को कई प्रस्ताव और रियायतें दी हैं। इससे पता चलता है कि वो अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए चीन, कनाडा, यूरोपीय संघ समेत अमेरिका के बड़े व्यापारिक साझेदारों की तुलना में कहीं ज्यादा उत्सुक है। रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि, व्यापार समझौते में भारत को इस बात का आश्वासन चाहिए होगा कि अमेरिकी बाजार के जिन क्षेत्रों में चीनी सामानों की आपूर्ति कम हो रही है, वो खाली जगह भारत को मिले। और भारतीय सामान चीनी सामान की जगह लें।ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ पर 90 दिनों की रोक जुलाई में खत्म होने वाली है। इस समयसीमा के खत्म होने से पहले ही अमेरिका भारत समेत अपने प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ व्यापार समझौता कर लेना चाहता है।