TIO, नई दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में कई पर्यटक स्थलों को मौजूदा वक्त के लिए बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर ये फैसला लिया है। आतंकवादी हमलों की संभावना के बारे में खुफिया चेतावनी के कारण कश्मीर में 87 में से 48 पर्यटक स्थलों को बंद किया है। सूत्रों के मुताबिक, पहलगाम हमले के बाद घाटी में कुछ स्लीपर सेल एक्टिव हो गए हैं, उन्हें गतिविधि शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

पहलगाम हमले के बाद घाटी में सक्रिय आतंकवादियों के घरों को उड़ाने का बदला लेने के लिए टीआरटी द्वारा कुछ टागेर्टेड हत्याओं के साथ-साथ बड़े हमले को अंजाम देने की कोशिश के बारे में लगातार खुफिया चेतावनी भी मिल रही है। सुरक्षा बलों ने गुलमर्ग, सोनमर्ग और लेक इलाकों सहित कई संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर पुलिस के विशेष आॅप्स समूह से एंटी फिदायीन दस्तों को तैनात किया है। घाटी में आतंकी घटना होने के बाद सामान्य तौर पर सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

इस हमले का असर कश्?मीर के सभी सेक्टर्स पर पड़ सकता है। खासकर पर्यटन पर ज्?यादा प्रभाव दिखाई दे सकता है। वहां पर होटल, कंपनी खोलने और फल का व्यापार करने का इरादा रखने वाले निवेशकों का विश्?वास हिल सकता है। इससे सालों की मेहनत के बाद वापस स्थिर हुई कश्?मीर की आर्थिक प्रगति पटरी से उतर सकती है। इतना ही नहीं, कश्मीर के लोगों की इनकम पर भी गहरा असर दिखाई पड़ सकता है।

अभी तक मजबूत रही है कश्मीर की इकोनॉमी
जम्मू और कश्मीर की आर्थिक प्रगति मजबूत रही है। 2024-25 के लिए इसकी रीयल जीएसडीपी 7.06% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि नॉमिनल जीएसडीपी 2.65 लाख करोड़ होने का अनुमान है, जो निरंतर तरक्की का संकेत है। 2019 और 2025 के बीच, केंद्र शासित प्रदेश ने 4.89% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की, जबकि प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 25 में ?1,54,703 तक पहुंचने की उम्मीद थी, जो साल-दर-साल 10.6% अधिक है। यह शानदार तरक्की ऐसे ही नहीं है, बल्कि 2018 में आतंकवादी घटनाओं की संख्या 228 से घटकर 2023 में सिर्फ 46 रह गई थी, जो 99% की गिरावट है। यह अभी तक शांति का ही फायदा था, जिसने निवेश, पर्यटन का ध्यान कश्मीर की ओर खींचा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER