TIO, नई दिल्ली।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस बीच भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। दरअसल, पाकिस्तान के एक मंत्री ने हाल ही में आतंकवादियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें धन मुहैया कराने की बात कबूल की थी। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक साक्षात्कार में स्वीकार किया था कि उनके मुल्क ने वर्षों से आतंकवाद का समर्थन किया। भारत ने इसे लेकर ही पड़ोसी मुल्क से कड़े सवानल किए और उसका वैश्विक मंच पर उसका नापाक चेहरा उजागर किया। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा कि यह कबूलनामा चौंकाने वाला नहीं था। इसने पाकिस्तान को एक दुष्ट देश के रूप में उजागर किया है। ऐक ऐसा मुल्क, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

‘दुनिया अब और आंखें नहीं मूंद सकती’
उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया ने हाल ही में एक टेलीविजन साक्षात्कार में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने के पाकिस्तान के इतिहास को स्वीकार करते हुए सुना है। यह खुला कबूलनामा किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं करता है। यह पाकिस्तान की एक दुष्ट देश की छवि को स्पष्ट करता है। एक ऐसा देश, जो वैश्विक आतंकवाद को बढ़ावा देता है। शांति के माहौल को अस्थिर करता है। दुनिया अब और आंखें नहीं मूंद सकती।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुनाई खरीखरी
योजना पटेल ने भारत के खिलाफ दुष्प्रचार और निराधार आरोप लगाने के लिए वैश्विक मंच का दुरुपयोग करने और उसे कमजोर करने के लिए पाकिस्तान की आलोचना भी की। उनकी टिप्पणी आतंकवाद के पीड़ितों के संगठन नेटवर्क के शुभारंभ पर आई, जिसका मकसद आतंकवाद के पीड़ितों और बचे लोगों को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करना है। इसका उद्देश्य अधिवक्ताओं और शांति निमार्ताओं के रूप में आवाज उठाना भी है। यह लॉन्च जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में एक पर्यटक स्थल पर छुट्टियां मना रहे 26 नागरिकों की आतंकियों द्वारा निर्मम हत्या के कुछ दिनों बाद हुआ।

ख्वाजा आसिफ के किस बयान से हुई पाकिस्तान की किरकिरी
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आतंकी हमले के बाद ख्वाजा आसिफ से स्काई न्यूज के एक पत्रकार ने आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा था कि हम पिछले तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं, जिसमें पश्चिम और ब्रिटेन भी शामिल हैं।

वैश्विक समुदाय को मजबूत समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय प्रतिनिधि ने पहलगाम हमले के मद्देनजर वैश्विक समुदाय को उनके मजबूत स्पष्ट समर्थन और एकजुटता के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद के प्रति अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शून्य सहिष्णुता का प्रमाण है। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम आतंकवादी हमला 2008 में हुए 26/11 के मुंबई हमलों के बाद से सबसे खतरनाक साजिशों में से एक है। दशकों से सीमा पार आतंकवाद का शिकार होने के कारण भारत इस तरह के कृत्यों के पीड़ितों, उनके परिवारों और समाज पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव को पूरी तरह समझता है।’

‘आतंकवाद के कृत्य आपराधिक और अनुचित’
उन्होंने हमले की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निंदा को भी दोहराया और कहा कि आतंकवाद के कृत्य आपराधिक और अनुचित हैं, चाहे उनका उद्देश्य कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि हम दोहराते हैं कि आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।

‘वोटन’ की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम
उन्होंने कहा कि ‘वोटन’ की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है जो आतंक के पीड़ितों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाएगा। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के पीड़ितों के लिए एसोसिएशन की स्थापना इस संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पीड़ितों की सुनवाई और सहायता के लिए एक संरचित, सुरक्षित स्थान तैयार होगा। भारत का मानना है कि आतंकवाद के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि पीड़ित हमारे सामूहिक प्रयासों का केंद्र बने रहें, वोटन जैसी पहल आवश्यक हैं।’

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER