TIO, नई दिल्ली

एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव भले ही औपचारिक हों, लेकिन इस बार की रणनीतियां भविष्य की राजनीति की जमीन तैयार करती दिख रही हैं। आम आदमी पार्टी के इन पदों के लिए प्रत्याशी न उतारने के फैसले ने भले ही उसे एक रणनीतिक विराम देने की कोशिश बताई हो, लेकिन कांग्रेस ने मौके को भुनाते हुए जिस तरह से अपनी राजनीतिक चालें चली हैं, उसने ह्यहारकर भी जीतनेह्ण की कोशिश करने का संदेश दिया है।

कांग्रेस ने वरिष्ठ पार्षद मनदीप सिंह को मेयर और युवा नेता अरिबा खान को डिप्टी मेयर पद के लिए मैदान में उतार कर एक तीर से कई शिकार साधने की कोशिश की है। एक तरफ उसने भाजपा के सामने सीधे-सीधे खड़ा होकर यह संकेत दिया कि अब दिल्ली में मुख्य विपक्ष कांग्रेस ही है। दूसरी ओर उसने आप के लिए स्थिति को बेहद असहज बना दिया है। आप के मैदान से हटने के बाद कांग्रेस ने एक ऐसा नैरेटिव गढ़ा है जिसमें ह्यमतदान से दूरीह्ण को भाजपा की मदद के रूप में पेश किया जाएगा।

अगर आप चुनाव में भाग नहीं लेती तो कांग्रेस उसे भाजपा की बी टीम बताने से पीछे नहीं हटेगी। यह दाव इसलिए भी अहम है, क्योंकि कांग्रेस जानती है कि दिल्ली की सत्ता में वापसी तभी संभव है जब आम आदमी पार्टी का आधार कमजोर हो। पिछले 12 साल में आप के उदय के बाद कांग्रेस लगातार दिल्ली की राजनीति के हाशिए पर चली गई है। उधर, आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किल यह है कि वह अगर कांग्रेस का समर्थन करती है तो अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को ताकत देगी है और अगर समर्थन नहीं करती तो भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप झेलने को तैयार रहना होगा।

मेयर चुनाव से दूरी बनाना आप का रणनीतिक कदम
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने इस बार चुनाव से दूरी बनाकर एक रणनीतिक कदम उठाया है। पार्टी नेतृत्व को डर था कि चुनाव में अगर उम्मीदवार उतारा जाता है और उसकी हार होती है तो पार्टी की साख को और नुकसान हो सकता है। वहीं, भाजपा इस स्थिति से उत्साहित नजर आ रही है और उसने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर बहुमत के सहारे मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कब्जा करने की तैयारी कर ली है।

आम आदमी पार्टी ने इन चुनावों से दूरी बनाकर सभी को चौंका दिया
एमसीडी में मेयर-डिप्टी मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी के भाग न लेने से अब भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने आई हैं। आप ने इन चुनावों से दूरी बनाकर सभी को चौंका दिया है, जिससे मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच सीमित हो गया है। आंकड़ों की बात करें तो भाजपा की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

भाजपा ने मेयर पद के लिए वरिष्ठ नेता और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। डिप्टी मेयर पद के लिए उपनेता प्रतिपक्ष जयभगवान यादव को मैदान में उतारा है। राजा इकबाल सिंह पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम में मेयर रह चुके हैं और उनका प्रशासनिक अनुभव मजबूत माना जाता है। वहीं, जयभगवान यादव एकीकृत एमसीडी में स्थायी समिति के सदस्य रह चुके हैं, जिससे उन्हें भी एमसीडी की कार्यप्रणाली की अच्छी समझ है। यह जोड़ी भाजपा की अनुभवी और रणनीतिक सोच को दशार्ती है।

दूसरी ओर कांग्रेस ने इन दोनों पदों के लिए अपने पार्षदों को मैदान में उतारा है। मेयर पद के लिए पार्टी ने वरिष्ठ पार्षद मनदीप सिंह को मैदान में उतारा है, जो राजनीतिक विरासत के धनी हैं। उनके पिता बिजेंद्र सिंह न केवल पार्षद रह चुके हैं, बल्कि दो बार विधायक भी रहे हैं। डिप्टी मेयर पद के लिए कांग्रेस ने युवा पार्षद अरिबा खान को उम्मीदवार बनाया है। अरिबा भी राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता आसिफ मोहम्मद खान पार्षद के अलावा विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस के ये दोनों उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, जिससे उनका राजनीतिक अनुभव साफ झलकता है।

मुकाबले का स्वरूप भले ही रोचक हो, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। एमसीडी सदन में भाजपा के पास 135 वोट हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र आठ वोट है। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 119 वोट हैं, लेकिन उसने इस बार चुनाव में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है। जीत के लिए कुल 132 वोटों की आवश्यकता है, जिसे भाजपा आसानी से पार कर जाएगी। आम आदमी पार्टी की गैरहाजिरी ने इस चुनाव को एकतरफा बना दिया है। अब सबकी नजरें 25 अप्रैल को होने वाले चुनाव पर टिकी हैं, जब नए मेयर और डिप्टी मेयर का चयन होगा। कांग्रेस ने भले ही मुकाबले को प्रतीकात्मक रूप बना दिया है, लेकिन जीत की बाजी भाजपा के हाथ लगती दिख रही है।

एमसीडी की सत्ता छोड़ने के बाद अधूरे रह गए आप के बड़े वादे
आम आदमी पार्टी की एमसीडी की सत्ता छोड़ने की घोषणा से अब सवाल उठ रहा है कि पार्टी ने जिस विकास मॉडल और 10 बड़े वादों के दम पर करीब सवा दो साल पहले चुनाव जीता था, अब उनका क्या होगा? जनता ने उसके 10 बड़े वादों पर सहमति जताते हुए उसे वोट दिया था और उसके अधिकतर वादे अभी पूरे नहीं हुए हैं।
सत्ता में आने के बाद आप ने दिल्ली को साफ और सुंदर बनाने का संकल्प लिया था। तीनों कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने और आगे कोई नया कूड़े का पहाड़ न बनने देने का वादा किया था। आधुनिक तकनीक से कूड़ा निस्तारण की बात की गई थी, लेकिन आज भी हालात जस के तस हैं। वहीं भ्रष्टाचार मुक्त एमसीडी का सपना दिखाया गया था। नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को सरल बनाने और हर लेंटर पर वसूली बंद करने की बात की गई थी। साथ ही वायलेशन को रेगुलराइज करने की स्कीम लाने की घोषणा की गई थी, लेकिन फील्ड में बदलाव नजर नहीं आया।

दिल्लीवासियों को पार्किंग की समस्या से निजात और लावारिश जानवरों के आतंक से मुक्ति दिलाने का वादा भी अधूरा रहा। लावारिश कुत्ते, गाय और बंदर आज भी लोगों की चिंता का कारण बने हुए हैं। आप ने कहा था कि एमसीडी की सड़कें और गलियां बेहतर व सुंदर बनाई जाएंगी, मगर जमीनी स्तर पर मरम्मत कार्य बहुत धीमा है। दिल्ली सरकार की तर्ज पर स्कूल और अस्पतालों को वर्ल्ड क्लास बनाने का वादा भी अब अधर में लटकता नजर आ रहा है।

दिल्ली में आप का जनाधार खिसका : मुख्यमंत्री
सीएम रेखा गुप्ता ने सोमवार को आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी ने दिल्ली में अपना जनाधार खो दिया है और लोगों ने इस पर भरोसा करना बंद कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि आप के विधायक और पार्षद अपनी पार्टी के नेतृत्व से असंतुष्ट हैं, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए आवाम-विरोधी नीतियों को अपनाया। सीएम रेखा गुप्ता ने यह बयान तब दिया जब आप ने आगामी मेयर पद के चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारने से इन्कार कर दिया।
25 अप्रैल को होने वाले मेयर और उप मेयर पदों के लिए दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आप ने हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। सीएम ने इसे आप की हार के डर और आंतरिक कलह का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, आप का राजनीतिक आधार दिल्ली में स्थानांतरित हो गया है और लोगों ने इस पर भरोसा करना बंद कर दिया है। यह अच्छी बात है कि उन्होंने महसूस किया है कि दिल्ली में स्थिति बदल गई है।

सचदेवा बोले, दिल्ली को जल्द मिलेगा भाजपा का महापौर
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि राजधानी को जल्द ही भाजपा का महापौर मिलेगा। ट्रिपल इंजन की सरकार बनेगी और एमसीडी की सुचारू सेवाएं पुन: शुरू होंगी। उन्होंने आम आदमी पार्टी के एमसीडी चुनाव न लड़ने के फैसले को राजनीतिक त्याग नहीं, बल्कि निश्चित हार की पूर्व स्वीकृति बताया। उन्होंने कहा कि आप नेताओं के भाजपा पर पार्षद तोड़ने के आरोप हास्यास्पद हैं और यह उनकी प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने का प्रयास है।

आप पार्षदों ने सत्ता नहीं, विकास के लिए छोड़ी पाटीर् : कपूर
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी जब ह्यआॅपरेशन लोटसह्ण का जिक्र करती है, तब वह भाजपा पर नहीं, बल्कि अपने ही पार्षदों और विधायकों पर सवाल खड़े करती है। पिछले एक वर्ष में जिन आप पार्षदों ने पार्टी छोड़ी है, उन्होंने सत्ता के लालच में नहीं, बल्कि एमसीडी में प्रशासन और विकास के ठप होने से निराश होकर ऐसा किया है। प्रवक्ता ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज पर हमला बोलते हुए कहा कि आप के जिन पार्षदों ने पार्टी छोड़ी, वे सत्ता में रहते हुए भाजपा में आए हैं।

भाजपा दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाए, बहाने न बनाए : आप
आम आदमी पार्टी दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं लड़ेगी। पार्टी ने इस बार मेयर पद पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है। पार्टी मुख्यालय में आप दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा अपना मेयर बना ले। अपनी स्टैंडिंग कमेटी बनाकर बिना कोई बहाना बनाए दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार चलाए। दिल्ली वालों से किए अपने सारे वादे पूरे करे। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली के अंदर जलभराव, कूड़े के पहाड़, सड़कों-गलियों की साफ-सफाई, ट्रैफिक जाम, कानून व्यवस्था, टूटी सड़कों, बिजली, पानी का न आना या स्कूलों में फीस वृद्धि समेत सभी समस्याओं के लिए भाजपा जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार होगी। इसमें केंद्र, राज्य और एमसीडी के अलावा एक इंजन एलजी का भी है होगा।

पीछे के दरवाजे से सरकार बनाती है भाजपा
नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि भाजपा पूरे देश में जहां चुनाव हारती है, वहां साम, दाम, दंड, भेद अपना कर पिछले दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती है। भाजपा ने गोवा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र समेत देश भर में दूसरी पार्टियों को तोड़कर सरकार बनाती रही है। दिल्ली में भी एमसीडी में करारी हार को देखते हुए भाजपा का फिर एकीकरण करने के लिए संसद में एक एक्ट लेकर आई। इस एकीकरण में मात्र एक बदलाव हुआ कि 272 से 250 वार्ड हो गए। इसके अलावा कोई और बदलाव नहीं हुआ। यहां हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी एमसीडी में बहुमत लेकर आई, लेकिन भाजपा ने गलत तरीके से मेयर का चुनाव करवाने, गलत तरीके से एल्डरमैन से वोट डलवाने सहित दूसरे प्रयास किए। इसके बाद आप के पार्षदों पर दबाव बनाकर भाजपा में शामिल करवाया। अब मेयर का चुनाव जीतने के लिए आप के पास पार्षदों की संख्या नहीं है।

‘बहाना न बनाए मंत्री’
आतिशी ने कहा कि सरकार एमसीडी के नाम पर बहाने बना रही है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरजा रोज बहाने बना रहे हैं कि दिल्ली में प्रदूषण इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि आप की एमसीडी सरकार जानबूझ कर कूड़ा जला रही है। अब भाजपा के पास कोई बहाने नहीं है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER